जम्मू में दो अलग-अलग मिलिट्री क्षेत्रों में दिखाई दिए ड्रोन, सेना की 25 राउंड फायरिंग से टला बड़ा खतरा

सैनिकों की सतर्कता और सक्रिय दृष्टिकोण से एक बड़ा खतरा विफल हो गया। सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं और तलाशी अभियान जारी है। सैन्य अड्डे के बाहर पूरे इलाके की तुरंत घेराबंदी कर दी गई और अंतिम सूचना मिलने तक बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी था। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 28, 2021 7:57 AM IST

जम्मू-कश्मीर. जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर रविवार हुए ब्लास्ट के बाद एक बार फिर बड़ी खबर सामने आई है। सोमवार सुबह सेना कैंप के ऊपर दो अलग-अलग जगहों पर ड्रोन दिखाई दिए हैं। ये ड्रोन जम्मू के रत्नुचक और कालूचक आर्मी कैंप के ऊपर 27-28 जून की रात को देखे गए हैं। लेकिन सेना की सक्रियता के कारण ये वापस लौट गए।

 

 

सेना के अनुसार, सुबह करीब 3 बजे ड्रोन देखे गए थे। जवानों का कहना है कि यहां लाल रोशनी देखी गई, जिसके बात तुरंत जवानों ने फायरिंग शुरू कर दी। कहा गया है कि, एक ड्रोननुमा चीज सैन्‍य कैंप के ऊपर से गुजरती हुई देखी गई। इसके बाद सेना के जवानों ने लगभग 20 से 25 राउंड फायरिंग की।

सैनिकों की सतर्कता और सक्रिय दृष्टिकोण से एक बड़ा खतरा विफल हो गया। सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं और तलाशी अभियान जारी है। सैन्य अड्डे के बाहर पूरे इलाके की तुरंत घेराबंदी कर दी गई और अंतिम सूचना मिलने तक बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी था। 

एयरफोर्स स्टेशन पर हुआ था हमला
रविवार को जम्मू एयरपोर्ट के पास अत्यधिक सुरक्षा वाले टेक्निकल क्षेत्र में धमाकों ने दहला दिया था। पांच मिनट के अंतराल में दो बम धमाके हुए थे। अधिकारियों के अनुसार धमाका देर रात करीब सवा दो बजे हुआ। पहला विस्फोट से एक इमारत की छत ढह गई जबकि दूसरा जमीन पर हुआ। अधिकारियों ने बताया था कि विस्फोटकों को ड्रोन से पहुंचाया गया है। जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने घटना को आतंकी हमला करार दिया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस और IAF के साथ अन्य एजेंसियां भी मामले की जांच कर रही हैं। ऐसा पहली बार है, जब किसी आतंकी हमले में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है।

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डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि जम्मू हवाई क्षेत्र में दो धमाको में इस्तेमाल विस्फोटक सामग्री को गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। रविवार को ही जम्मू पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी मिली थी करीब 5-6 किलो आईईडी बरामद किया गया था। यह विस्फोटक तश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटिव के द्वारा यहां पहुंचवाया गया था।

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