बेंगलुरू-कोयंबटूर वंदे भारत में इडली की जगह मिला समोसा, मलयालम लेखक ने शुरू कर दिया भोजन विवाद

Published : Apr 16, 2025, 05:31 PM IST
Bengaluru Coimbatore Vande Bharat train food

सार

वंदे भारत एक्सप्रेस में दक्षिण भारतीय खाने की कमी पर मलयालम लेखक एम.एस. माधवन ने सवाल उठाया है। उन्होंने ट्रेन में समोसे-बिस्किट की तस्वीर शेयर कर 'खाना थोपने' का आरोप लगाया, जिससे सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई।

Vande Bharat: दक्षिण भारत में भाषा थोपे जाने को लेकर बहस तेज है। बेंगलुरु एयरपोर्ट के डिस्प्ले बोर्ड से हिंदी हटाए जाने को लेकर विवाद चल रहा है। इस बीच ट्रेन में मिलने वाले भोजन को लेकर भी नाराजगी जताई जाने लगी है। इसे खाना थोपा जाना बताया जा रहा है। मलयालम लेखक एम.एस.माधवन को बेंगलुरू-कोयंबटूर वंदे भारत ट्रेन में दिए गए नाश्ते में इडली की जगह समोसा मिल गया। फिर क्या था उन्होंने भोजन थोपने का विवाद खड़ा कर दिया।

एम.एस.माधवन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दक्षिण भारतीय वंदे भारत ट्रेनों में क्षेत्रीय खाना मिलने के विकल्प कम होने पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने एक तस्वीर शेयर की है। इसमें समोसा, नमकीन, चाय और बिस्किट दिख रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा, "वे भाषा थोपने की बात करते हैं। भोजन थोपने के बारे में क्या? दक्षिण भारतीय वंदे भारत ट्रेनों में इस तरह का नाश्ता दिया जाता है। यह बेंगलुरू-कोयंबटूर वंदे भारत ट्रेन का है।"

 

 

इंटरनेट पर चर्चा का विषय बना एम.एस.माधवन का पोस्ट

माधवन का पोस्ट जल्द ही चर्चा का विषय बन गया। कुछ लोगों ने इसपर चिंता व्यक्त की। कहा कि सिर्फ भाषा ही नहीं खाना तक थोपा जा रहा है। वहीं, कुछ लोगों ने इसके खिलाफ बातें कहीं। एक यूजर ने लिखा, "हां, यह वाकई दिलचस्प है। कभी भी केंद्र सरकार या रेलवे ने इस पर ध्यान नहीं दिया। वैसे भी, इन कैटरर्स को खाना बनाना नहीं आता। चाहे उत्तर भारतीय हो या दक्षिण भारतीय। आपको सबसे खराब खाना चखना है तो ट्रेन में जाएं।"

एक यूजर ने लिखा, "हमें कश्मीर से कन्याकुमारी जाने वाली ट्रेन में इडली मिला। कोई थोपे जाने पर नहीं रोया।" एक व्यक्ति ने लिखा, "उत्तर भारत के 99% रेस्टोरेंट में इडली-डोसा मिलता है।"

भोजन को लेकर यह विवाद इस सप्ताह की शुरुआत में हिंदी थोपे जाने को लेकर एक अलग बहस के बाद आया है। एक व्यक्ति ने बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KIA) के डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड से हिंदी हटाने का दावा किया था। यह पोस्ट एक्स पर वायरल हो गया था।

इसमें लिखा था, "बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड से हिंदी हटा दी गई है। कन्नड़ और अंग्रेजी। कन्नड़ लोग हिंदी थोपे जाने का विरोध कर रहे हैं।"

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