रत्नागिरी जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग अब चूना लगाव आयोग बन चुका है लेकिन मैं अपने पिता स्वर्गीय बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी को उनको कभी छीनने नहीं दूंगा।
Uddhav Thackeray attacks BJP and Shinde: शिवसेना नाम और सिंबल छीन जाने के बाद पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में अपनी राजनीतिक गतिविधियां तेज कर दी हैं। रविवार को रत्नागिरी जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ठाकरे ने बीजेपी को खत्म करने की अपील की। ठाकरे ने कहा कि जिनका स्वतंत्रता संग्राम से कोई संबंध नहीं है और जो जानवरों की प्रवृत्ति के हैं, उन्हें 2024 में दफन कर देना चाहिए। हमें शपथ लेनी है कि हम भारत माता को फिर गुलामी के चंगुल में नहीं आने देंगे। अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो वह हम सबको गुलामी की ओर धकेल देंगे और 2024 का चुनाव आखिरी होगा।
तटीय कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में खेड़ विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा। बागी धड़े को पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करने पर ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग, केंद्र की सत्ता में बैठे लोगों का 'गुलाम' बन चुका है। चुनाव आयोग अब चूना लगाव आयोग बन चुका है लेकिन मैं अपने पिता स्वर्गीय बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी को उनको कभी छीनने नहीं दूंगा।
बीजेपी कभी अछूत थी लेकिन बाल ठाकरे ही साथ खड़े हुए
उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह बाल ठाकरे ही थे, जो भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़े थे, जब वह राजनीतिक रूप से "अछूत" थी। अगर उन लोगों में दम है तो वह लोग महाराष्ट्र में केवल नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगे लें। बिना बाला साहेब ठाकरे के ही उन लोगों को चुनाव में जाने की चुनौती देता हूं। आपने (चुनाव आयोग) हमसे पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह छीन लिया है, लेकिन आप शिवसेना को मुझसे नहीं छीन सकते। पूर्व मुख्यमंत्री ने एक रैली में भारी भीड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरे पास आपको देने के लिए कुछ नहीं है। मैं आपका आशीर्वाद और समर्थन लेने आया हूं। अगर चुनाव आयोग मोतियाबिंद से पीड़ित नहीं है तो उसे आना चाहिए और जमीनी स्थिति देखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी शिवसेना को क्रूर तरीके से खत्म करने की कोशिश कर रही है, लेकिन सफल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि शिवसेना को नष्ट करने का कदम मराठी लोगों के साथ-साथ हिंदुओं की एकता पर हमले के समान है। उन्होंने कहा कि लोगों को यह तय करना होगा कि वे मुझे चाहते हैं या एकनाथ शिंदे। मैं लोगों के फैसले को स्वीकार करूंगा, लेकिन चुनाव आयोग के नहीं। अगर लोग कहते हैं कि वे मुझे नहीं चाहते हैं, तो मैं वैसे ही छोड़ दूंगा जैसे मैंने 'वर्षा' (Maharashtra CM residence) को छोड़ा था।
बीजेपी और शिंदे ने की है महापुरुषों की चोरी
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह एकनाथ शिंदे ने मेरे पिता को चुराया है भाजपा ने भी सरदार वल्लभ भाई पटेल और सुभाष चंद्र बोस को चुरा लिया क्योंकि उस पार्टी के पास भरोसा करने के लिए कोई प्रतीक नहीं है। ठाकरे ने कहा कि पहले भाजपा का मंच साधुओं और संतों से भरा हुआ करता था लेकिन अब यह अवसरवादियों से भरा हुआ है।
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