लोकसभा में नागरिकता बिल पर शिवसेना ने मोदी सरकार का समर्थन किया। लेकिन राज्यसभा में बिल पेश होने पहले ही शिवसेना ने यू टर्न ले लिया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, जब तक चीजे साफ नहीं हो जातीं, हम राज्यसभा में बिल पर सरकार का समर्थन नहीं करेंगे।
मुंबई. लोकसभा में नागरिकता बिल पर शिवसेना ने मोदी सरकार का समर्थन किया। लेकिन राज्यसभा में बिल पेश होने पहले ही शिवसेना ने यू टर्न ले लिया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, जब तक चीजे साफ नहीं हो जातीं, हम राज्यसभा में बिल पर सरकार का समर्थन नहीं करेंगे। इससे पहले शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने लोकसभा में बाद राज्यसभा में सरकार के समर्थन को लेकर कहा था, क्या हमारी भूमिका अलग अलग होती है। राष्ट्र के हित में शिवसेना हमेशा खड़ी रहती है।
राज्यसभा में शिवसेना के 3 सांसद हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा, अगर कोई नागरिक इस बिल से डरा हुआ है, तो उसका संदेह खत्म किया जाना चाहिए। वे हमारे नागरिक हैं, इसलिए हमें उनके सवालों का जवाब देना जरूरी है।
'विरोध करने वालों को देशद्रोही कहना भ्रम'
उद्धव ने कहा, अगर कोई इस बिल के विरोध में है, या इससे सहमत नहीं है तो उसे देशद्रोही कहना गलत है। हमने नागरिक संसोधन विधेयक में बदलाव की मांग की है। यह भ्रम है कि केवल भाजपा ही देश की परवाह करती है।
लोकसभा में पास हुआ बिल
अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में यह बिल पेश किया था। दिन भर चली चर्चा के बाद देर रात यह बिल पास हो गया। इसके समर्थन में 311 वोट पड़े। विरोध में 80 संसद ने मत डाले। इससे पहले अमित शाह ने साफ कर दिया कि किसी भी धर्म को लेकर इस बिल को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। शाह ने कहा, बिल से भारतीय मुस्लिमों का कोई लेना देना नहीं है।
क्या है नागरिकता संसोधन बिल ?
नागरिकता संसोधन बिल 2019 के मुताबिक, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक आए हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और क्रिश्चियन के साथ अवैध घुसपैठियों जैसा व्यवहार नहीं होगा, बल्कि उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाएगी।