यूक्रेन संकट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, अब तक 8,000 भारतीयों को निकाला

Ukraine crisis : रूस के हमलों के बाद से यूक्रेन में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए मोदी सरकार दिन रात एक किए है। पिछले दो दिनों में पीएम मोदी तीन बार हाईलेवल मीटिंग कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने आज इसी मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। 

नई दिल्ली। पिछले छह दिनों से रूस के यूक्रेन (Russia attack on ukraine) पर हमलों के बीच भारत अपने फंसे हुए छात्रों (Indian students in Ukraine) को वापस लाने के लिए तेजी से काम कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी (Pm modi) पिछले दो दिनों में तीन बार हाई लेवल मीटिंग कर चुके हैं। यूक्रेन में फंसे छात्रों और अपने नागरिकों को वापस लाने के भारत के प्रयासों के बीच प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की। मोदी ने राष्ट्रपति कोविंद को मौजूदा स्थिति और सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। इससे पहले यूक्रेन में फंसे 182 भारतीय नागरिकों को लेकर सातवीं फ्लाइट आज रोमानिया के बुखारेस्ट से मुंबई पहुंची। सोमवार को, विदेश मंत्रालय ने बताया था कि भारत ने शुरुआती एडवाइजरी जारी करने के बाद से अब तक 8,000 से अधिक नागरिकों को निकाला है। 

यूक्रेन में 16 हजार भारतीय फंसे थे
दरअसल, यूक्रेन में भारत के करीब 16 हजार लोग फंसे थे। इन्हें वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के जरिये सरकार विशेष उड़ानों के जरिये यूक्रेन के सीमावर्ती देशों हंगरी, पोलैंड और रोमानिया से छात्रों को एयर लिफ्ट कर रही है। उत्तर प्रदेश के पांचवे चरण के चुनावों के तुरंत बाद यूपी से दिल्ली पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को ही पहली हाई लेवल मीटिंग की थी। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाना उनकी पहली प्राथमिकता है। विदेश मंत्रालय केप्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि सोवमार को पीएम मोदी ने यूक्रेन संकट पर एक उच्च स्तरीय बैठक की थी। उन्होंने कहा था कि पूरी सरकारी मशीनरी यह सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है कि यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय सुरक्षित और सुरक्षित हैं। 

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4 मंत्रियों को यूक्रेन बॉर्डर पर भेजा 

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों (Indian Students in ukraine) को लाने के मोदी सरकार (Modi government) ने चार मंत्रियों को उसके पड़ोसी देशों की सीमाओं पर भेजा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, किरेन रिजिजू और जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह निकासी मिशन में कोऑर्डिनेशन और छात्रों की मदद करने के लिए यूक्रेन के बॉर्डर तक जाएंगे। सिंधिया रोमानिया और माल्डोवा से छात्रों को निकालने का काम देखेंगे, जबकि रिजिजू स्लोवाकिया जाएंगे। हरदीप पुरी हंगरी और वीके सिंह पोलैंड से छात्रों की निकासी सुनिश्चित करेंगे।  

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मोदी ने की थी हिंसा रोकने की अपील
यूक्रेन पर रूस के हमले के अगले दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से हिंसा रोकने की अपील की थी। मोदी और पुतिन की बातचीत काफी लंबी हुई थी। हालांकि, इस वार्ता से रूस के रुख पर कोई असर नहीं पड़ा है। पिछले छह दिनों से वह लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है। 

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