सार

यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में मदद के लिए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हंगरी और मोलदोवा के विदेश मंत्रियों से बात की है।

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) के चलते हजारों की संख्या में भारतीय नागरिक और छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं। इन्हें सुरक्षित लाने के लिए भारत सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है। यूक्रेन का वायुक्षेत्र बंद है। इसके चलते वहां से भारतीयों को पहले पड़ोसी देशों में ले जाया जा रहा है और फिर वहां से विमान से भारत लाया जा रहा है। 

यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में मदद के लिए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हंगरी और मोलदोवा के विदेश मंत्रियों से बात की है। उन्होंने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी है। जयशंकर ने ट्वीट किया कि हंगरी के विदेश मंत्री पीटर स्जिजार्तो से फोन पर बात हुई। अब तक प्रदान की गई निकासी सहायता के लिए धन्यवाद दिया। हंगरी-यूक्रेन सीमा पर और अधिक सहयोग का अनुरोध किया है।

 

एस. जयशंकर ने मोलदोवा के विदेश मंत्री निकू पोपेस्कु से भी फोन पर बात की। उन्होंने ट्वीट किया कि मोलदोवा के विदेश मंत्री से मेरी बात हुई। हमने यूक्रेन-मोल्दोवा सीमा से मोल्दोवा में हमारे नागरिकों के प्रवेश की सुविधा के लिए समर्थन मांगा है। उनकी प्रतिक्रिया और मजबूत समर्थन की सराहना करता हूं।

भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी
इस बीच यूक्रेन की राजधानी कीव में मौजूद भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि जो लोग यह निर्णय लेते हैं कि स्थिति यात्रा के लिए अनुकूल नहीं है, या किसी भी कारण से जाने में असमर्थ हैं तो वे प्रतीक्षा कर सकते हैं। इसके साथ ही दूतावास ने भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे युद्धग्रस्त इलाके को छोड़कर पश्चिमी क्षेत्र में चले जाएं। दूतावास ने ट्वीट किया कि यूक्रेन रेलवे अतिरिक्त रूप से कीव से पहले आओ के आधार पर बिना किसी शुल्क के आपातकालीन ट्रेनें चला रही है। रेलवे स्टेशनों से ये ट्रेनें चल रहीं हैं। प्रवासी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे सुरक्षा स्थिति और मौजूदा नियमों के अनुसार संघर्ष क्षेत्रों से दूर पश्चिमी क्षेत्र में चले जाएं।

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यूक्रेन से सुरक्षित निकाले गए 709 भारतीय
यूक्रेन से अब तक कुल 709 भारतीय नागरिकों को निकाला गया है, जिनमें से 250 रविवार सुबह दिल्ली और 2019 शनिवार शाम मुंबई पहुंचे हैं। शनिवार शाम को भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी कर भारतीय नागरिकों को बॉर्डर पोस्ट पर नहीं जाने की अपील की थी। एडवाइजरी में कहा गया था कि भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि बॉर्डर पोस्ट पर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ पूर्व समन्वय के बिना किसी भी बॉर्डर पोस्ट पर नहीं जाएं।

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