उमा भारती ने कभी बाबरी विध्वंस की जिम्मेदारी नहीं ली: सत्यपाल जैन

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सत्यपाल जैन ने यह साफ कर दिया है कि उमा भारती ने कभी बाबरी विध्वंस की जिम्मेदारी नहीं ली। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि उमा भारती ने बाबरी विध्वंस की जिम्मेदारी ली थी। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 1, 2020 4:10 PM IST / Updated: Oct 02 2020, 02:56 PM IST

नई दिल्ली. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सत्यपाल जैन ने यह साफ कर दिया है कि उमा भारती ने कभी बाबरी विध्वंस की जिम्मेदारी नहीं ली। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि उमा भारती ने बाबरी विध्वंस की जिम्मेदारी ली थी। 

सत्यपाल जैन ने इस मामले को लेकर कई ट्वीट किए। उन्होंने इसमें साफ करने की कोशिश की, कि उमा भारतीय ने कभी विध्वंस की जिम्मेदारी संबंधी कोई बयान नहीं दिया।

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जस्टिस लिब्रहान का आज का बयान उनकी रिपोर्ट के विपरीत
उन्होंने लिखा, ''जस्टिस एम. एस. लिब्रहान का बयान, उमा भारतीय ने बाबरी विध्वंस की जिम्मेदारी ली थी'' इसे मीडिया में छापा गया है, लेकिन यह सही नहीं है। सत्यपाल जैन ने आगे लिखा, मैं जो कह रहा हूं, उसका जिक्र जस्टिस एम. एस. लिब्रहान ने अयोध्या में बाबरी विध्वंस पर कमेटी की अपनी रिपोर्ट में चैप्टर 10 पर पैरा 124.15 में खुद किया है। 

जैन ने कहा, जस्टिस एम. एस. लिब्रहान का आज का बयान उनकी रिपोर्ट के विपरीत है। 

 

क्या कहा था उमा भारती ने?
सत्यपाल जैन ने कहा, लिब्रहान आयोग में पेश होने के वक्त मैं आडवाणी जी, जोशी जी और उमा भारती जी के सलाहकार प्रतिनिधित्व रहा। इस नाते से मुझे उनके आयोग के सामने 14 साल के सभी बयानों के बारे में जानकारी है। उमा जी ने कभी ऐसा बयान नहीं दिया, जिसमें उन्होंने विध्वंस की जिम्मेदारी ली हो। उमा भारती ने कहा था, उन्हें आडवाणी जी ने भीड़ के पास विध्वंश रोकने के लिए भेजा था। लेकिन उन्हें कारसेवकों ने वापस लौटा दिया। और उनसे इससे दूर रहने और फिर वापस आने के लिए कहा था। 

28 साल बाद बाबरी विध्वंस में आया फैसला
बाबरी विध्वंस केस में 28 साल बाद बुधवार को अहम फैसला आया। लखनऊ स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 6 दिसंबर को गिराए गए विवादित ढांचे को लेकर जज सुरेंद्र कुमार यादव ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। फैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। इसलिए, सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। इस केस में आडवाणी, जोशी, उमा भारती समेत 48 लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई थी, जिसमें 16 लोगों का निधन हो चुका है।

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