LAC पर चीन की हरकत: UN सेक्रेट्री ने जताई चिंता, USA भारत के साथ, लेकिन संसद में विपक्ष ने किया हंगामा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मंगलवार(13 दिसंबर) को दोनों देशों से तनाव कम करने का आह्वान किया। इस संघर्ष में दोनों देशों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं हैं। 

Amitabh Budholiya | Published : Dec 14, 2022 1:29 AM IST / Updated: Dec 14 2022, 12:03 PM IST

संयुक्त राष्ट्र(United Nations). संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस(United Nations Secretary-General Antonio Guterres) ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मंगलवार(13 दिसंबर) को दोनों देशों से तनाव कम करने का आह्वान किया। इस संघर्ष में दोनों देशों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि चीन के सैनिकों को अधिक नुकसान पहुंचा है। इस बीच मामले को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को भी लोकसभा-राज्यसभा दोनों सदनों में हंगामा हुआ। (पहली तस्वीर- अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर पिछले हफ्ते चीनी सेना के साथ भारतीय सेना के साथ हुई झड़प के मामले में बुधवार को भी संसद में हंगामा हुआ)

इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में कहा कि चीनी सैनिकों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control-LAC) पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। जानिए पूरी डिटेल्स...

(जम्मू: शिवसेना डोगरा फ्रंट के सदस्यों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर भारतीय और चीनी सेना के बीच झड़प के बाद जम्मू में 13 दिसंबर, 2022 को विरोध प्रदर्शन किया)

(अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर पिछले हफ्ते चीनी सेना के साथ भारतीय सेना के साथ हुई झड़प के बाद मुंबई में मिनारा मस्जिद के बाहर 13 दिसंबर, 2022 को रजा अकादमी के सदस्यों ने चीनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया)


जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक से इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा-हाँ, हमने इन रिपोर्टों को देखा है। हम तनाव कम करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि उस क्षेत्र में तनाव न बढ़े। 

इस मामले में अमेरिका की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिका ने भारत का समर्थन किया है। अमेरिका ने खुशी जाहिर करते हुए कहा समय रहते दोनों ही देशों की सेनाओं ने डिसइनगेजमेंट किया और स्थिति को नियंत्रण में रखा। अमेरिका के एक बयान में कहा गया कि वो स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है। वो दोनों देशों को बातचीत करने के लिए प्रेरित करता है। 
पेंटागन प्रेस सेक्रेट्री पैट्रिक एस राइडर ने कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग भारत-चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ डेवलपमेंट पर नजर रखे हुए है। राइडन ने कहा- हमने देखा है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) तथाकथित एलएसी के साथ फोर्स को इकट्ठा करना और मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना जारी रखे हुए है।

उधर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन(Chinese Foreign Ministry spokesman Wang Wenbin) ने मंगलवार को बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा संबंधी मुद्दों पर स्मूथ कम्यूनिकेशन बनाए रखा है।

वहीं, उत्तरी आयरलैंड की राजधानी बेलफास्ट में चीन की महावाणिज्यदूत( Consul General) झांग मीफांग(Zhang Meifang) ने एक ट्वीट किया-शुक्रवार को चीन-भारत सीमा के पूर्वी खंड पर LAC के चीनी पक्ष में PLA वेस्टर्न थिएटर कमांड के सीमा सैनिक नियमित गश्त पर थे, जब भारतीय सैनिकों ने अवैध रूप से सीमा पार की और चीनी सेना को रोक दिया। इसमें उन्होंने PLA प्रवक्ता के बयान से संबंधित globaltimes.cn की एक न्यूज भी टैग की है।

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बता दें कि जून 2020 में गालवान घाटी में आमने-सामने की भयंकर भिड़ंत के बाद से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प है, जिसने दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष को दर्शाया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) की पांच साल में एक बार होने वाली कांग्रेस में अभूतपूर्व तीसरे पांच साल के कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने के बाद सीमा पर यह पहली बड़ी घटना है।

9 दिसंबर की यह झड़प तब भी हुई, जब दोनों देशों ने मई 2020 में पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के बाद से विभिन्न बिंदुओं पर गतिरोध को हल करने के लिए अपने कमांडरों के बीच 16 दौर की बातचीत की। आखिरी दौर की वार्ता सितंबर में हुई थी, जिसके दौरान दोनों पक्ष गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट 15 पर अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए थे। भारत लगातार यह कहता रहा है कि एलएसी पर अमन-चैन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

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