भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने गुरुवार को बेरोजगार युवाओं (unemployed youth) को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) को घेरा। कहा- देश में सरकारी नौकरियां नहीं हैं। युवा आखिर कब तक सब्र करें। अपने इस ट्वीट के बाद वे सोशल मीडिया पर घिर गए। लोगों ने उन पर तंज कसे।
नई दिल्ली। किसानों के मुद्दों पर लगातार अपनी ही पार्टी की सरकार (BJP Government) को कटघरे में खड़ा करने वाले भाजपा (BJP) सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने गुरुवार को एक बार फिर सरकार को घेरा। इस बार उन्होंने सरकारी नौकरियों का मुद्दा उठाया। हालांकि, यह ट्वीट कर वह खुद ही कठघरे में आ गए। किसी यूजर ने उनसे सवाल पूछा कि आपने अपने क्षेत्र में रोजगार (Employment) के लिए क्या किया, तो किसी ने तंज कसते हुए लिखा- 10 साल में मंत्री पद नहीं। आखिर कब तब सब्र करें युवा नेता? एक यूजर ने तो उन्हें राहुल गांधी की तरह बात करने वाला बता दिया।
वरुण गांधी ने ट्वीट में लिखा ...
पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो। परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो। रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से रिजल्ट के इंतजार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान?
सोशल मीडिया यूजर्स के कमेंट :
एक यूजर ने वरुण के ट्वीट पर कमेंट करते हुए लिखा- वरुण गांधी! छात्रों के लिए आवाज उठाना अच्छी बात है। लेकिन आपने अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में रोजगार पर क्या कदम उठाए? आप रोजगार पर संसद में सरकार से कितने प्रश्न किए? क्या कारण था कि आपको सुल्तान सीट छोड़कर पीलीभीत से चुनाव लड़ना पड़ा? यूपी चुनाव है और आपकी मंशा से हर कोई अवगत है।
एक अन्य यूजर ने कहा- वरुण गांधी जी , यूपी में 2017 के बाद ऐसा कौन सा एग्जाम हुआ, जिसका परिणाम सालो , साल नहीं आया या कौन सी भर्ती घोटाले के कारण निरस्त हुई। और जो निरस्त हुई है वो किन सरकारों के घोटाले हैं ? आप नेता है तो चीजों को स्पष्ट लिखिए और राजनीति के पर्दे के पीछे से अपना उल्लू मत सीधा करिये।
एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा - 10 साल होने को आ गए, लेकिन अभी तक मंत्री पद नही। आखिर कब तक सब्र करें युवा नेता, जबकि असलियत यह है कि आप सिर्फ गांधी उपनाम और भाजपा की वजह से आज राजनीति में हैं। अगली बार किसी और पार्टी या निर्दलीय चुनाव लड़ के देख लीजिए पता चल जाएगा।
एक यूजर ने लिखा - आपके लिए कुछ सम्मान था, क्योंकि आप पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं। लेकिन आप राहुल गांधी की तरह बात कर रहे हैं। भारत और पूरी दुनिया पिछले 2 वर्षों से कोविड का सामना कर रही है, लेकिन आप सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं। रेलवे सभी ट्रेनों का संचालन भी नहीं कर रहा है, वे भर्ती कैसे कर सकते हैं।
मोदी सरकार गरीब के घर बना रही है, 22 घंटे बिजली, दुरुस्त सड़कें,आयुष्मान योजना, सैन्य ताकत, किसान कानून कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहां विकास नहीं पहुंचा। ऐसा विकास नेहरू/इंदिरा/राजीव 60 वर्षों में भी नहीं दे पाए। मोदी ने ये 7 साल में कर दिखाया।
किसानों के सुर में सुर मिलाते रहे वरुण
तीन कृषि कानून खत्म होने की घोषणा के बाद उन्होंने कहा था- राष्ट्रहित में सरकार को किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)की मांग तत्काल मान लेनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी। वरुण ने कहा था कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने का यह निर्णय यदि पहले ही ले लिया जाता तो 700 से अधिक किसानों की जान नहीं जाती।
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