Budget Session 4th Day: सदन में विपक्ष के हंगामे पर मिला जवाब-अडानी स्टॉक क्रैश का सरकार से कोई लेना-देना नहीं है

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद से बाहर कहा-उससे (अडानी स्टॉक क्रैश) सरकार का कोई लेना देना नहीं है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा प्राथमिकता रहती है। उनके(विपक्ष) पास कोई और मुद्दा नहीं है।

 

नई दिल्ली. कई राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले सरकार का आखिरी बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 फरवरी को संसद में BJP के सभी सांसदों के साथ बजट की ब्रीफिंग की। इस सत्र में राज्यसभा और लोकसभा के सभी सांसद शामिल हुए। वहीं, बजट सहित तमाम मुद्दों को लेकर विपक्षी दल सरकार को घेरने में लगे हैं। पढ़िए पूरी डिटेल्स...

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केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद से बाहर कहा-उससे (अडानी स्टॉक क्रैश) सरकार का कोई लेना देना नहीं है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा प्राथमिकता रहती है। उनके(विपक्ष) पास कोई और मुद्दा नहीं है।

संसद के बाहर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा-विपक्षी दल चाहते हैं कि जो स्टॉक मार्केट गिर रहे हैं उस पर चर्चा हो, जनता का पैसा LIC और अन्य सरकारी संस्थानों में है। उन्होंने चीन, महंगाई, बेरोज़गारी पर चर्चा नहीं होने दी। जिस भी मुद्दे पर उन्हें लगता है कि वे शर्मिंदा होंगे उस पर चर्चा नहीं होने देते।

अडानी समूह के खिलाफ आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर AAP सांसद संजय सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह अडानी का नहीं बल्कि पीएम मोदी का भ्रष्टाचार है। इस बीच दोनों सदनों में जबर्दस्त हंगामे के चलते कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

बता दें कि अडाणी इंटरप्राइजेज के शेयरों में शुक्रवार को भी सुबह 15% की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, बांग्लादेश सरकार ने अडाणी ग्रुप के साथ एनर्जी सेक्टर में डील में संशोधन की मांग की है। बांग्लादेश सरकार का तर्क है कि उसे महंगी बिजली दी गई है। अडाणी मामले में कांग्रेस ने 6 फरवरी को देशव्यापी प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इस सबके बीच अमेरिका के स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस ने अडाणी इंटरप्राइजेज को सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से बाहर करने का फैसला लिया है। 7 फरवरी को उसे बाहर कर दिया जाएगा।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।

16 विपक्षी दलों ने शुक्रवार सुबह संसद में अपनी रणनीति के समन्वय के लिए बैठक की और अडानी स्टॉक रूट के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए सरकार पर हमले तेज करने का फैसला किया। बैठक के एक दिन पहले उन्होंने एकजुट होकर इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आरोप का नेतृत्व किया और गुरुवार को संसद के दोनों सदनों को ठप कर दिया था। सूत्रों ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे अडानी मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं और अगर अनुमति नहीं दी गई तो वे सदन के अंदर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में जिन 16 दलों के नेताओं की बैठक हुई। उनमें कांग्रेस, डीएमके, सपा, आप, बीआरएस, शिवसेना, राजद, जदयू, सीपीआईएम, भाकपा, राकांपा, एनसी, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस (जोस मणि), केसी (थॉमस), और आरएसपी शामिल रही।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्ष की मांग वही है। उन्होंने कहा, "केवल एक स्वतंत्र जांच ही एलआईसी, एसबीआई और प्रधानमंत्री द्वारा अडानी समूह में निवेश करने के लिए मजबूर अन्य संस्थानों को बचाएगी।"

कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि सार्वजनिक क्षेत्र के एलआईसी और एसबीआई द्वारा अडानी समूह में किए गए निवेश को प्रधान मंत्री द्वारा फोर्स किया गया है। सरकार ने अब तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अडानी समूह के शेयरों, जहां एलआईसी ने भारी निवेश किया है, के मूल्य में 100 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का नुकसान हुआ है। जैसा कि अडानी समूह के शेयरों में गिरावट शुक्रवार को भी जारी रही, विपक्ष ने कहा कि इसने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा किए गए निवेश के मूल्य को खतरे में डाल दिया है।

3 फरवरी को बजट सत्र का चौथा दिन है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ था। मोदी सरकार 2014 से अब तक 9 बजट पेश कर चुकी है। 2014 में लोकसभा चुनाव हैं, इससे पहले यह उसका 10वां बजट था। सीतारमण ने 1 घंटे 27 मिनट के भाषण में भरोसा दिलाया कि देश की अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है। उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश किया था।मोदी सरकार इसे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाला बता रही है, जबकि विपक्ष इसे गरीबों, बेरोजगारों और समाज के कमजोर वर्ग की उपेक्षा करने वाला बजट बताने में लगे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन के पटल के लिए रणनीति तैयार करने के लिए अपने संसद कार्यालय में सुबह 10 बजे विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई।

कांग्रेस और उसके सहयोगी विपक्षी दल अडानी हिंडनबर्ग मामले में संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग उठा रहे हैं। वे संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी जांच या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग उठाई है किL IC, SBI सहित अन्य सरकारी संस्थानों में जो लोगों का पैसा है उसकी जांच होनी चाहिए और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक फैसला लिया है कि आर्थिक दृष्टि से देश में जो घटनाएं हो रही हैं उसे सदन में उठाना है, इसलिए हमने एक नोटिस दिया था। हम इस नोटिस पर चर्चा चाहते थे, लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। क्लिक करके पढ़ें

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