ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने और कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए केंद्र सरकार ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) को मंजूरी दी है। इसके तहत ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण, इस्तेमाल और निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) को मंजूरी दे दी है। इस मिशन में 19,744 करोड़ रुपए खर्च होंगे। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारत ग्लोबल हब बनेगा।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि कम लागत वाले उपकरणों और टेक्नोलॉजी के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए 2 प्रकार के प्रोत्साहन दिए जाएंगे। 5 साल के लिए इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण पर प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर भी प्रोत्साहन मिलेगा। ग्रीन हाइड्रोजन हब भी विकसित किए जाएंगे।
खर्च होंगे 19,744 करोड़ रुपए
मंत्री ने कहा कि नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य भारत को ग्रीन हाइड्रोजन निर्माण, इस्तेमाल और निर्यात के मामले में ग्लोबल हब बनाना है। इस दिशा में आज ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। इससे भारत ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर हो सकेगा। इसके साथ ही कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए शुरुआत में 19,744 करोड़ रुपए खर्च होगा। इसमें 17,490 करोड़ रुपए कार्यक्रम और 1,466 करोड़ रुपए पायलट परियोजनाओं को चलाने में खर्च होगा। रिसर्च और डेवलपमेंट में 400 करोड़ रुपए और मिशन के अन्य जरूरतों के लिए 388 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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डीडी और आकाशवाणी को आधुनिक बनाने के लिए 2,500 करोड़ रुपए मंजूर
प्रसार भारती के प्रसारण ढांचे और नेटवर्क को आधुनिक बनाने के लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को 2,500 करोड़ रुपए से अधिक की योजना को मंजूरी दी है। इससे दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो को आधुनिक बनाया जाएगा। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सेंट्रल सेक्टर के ब्रॉडकास्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड नेटवर्क डेवलपमेंट (बीआईएनडी) योजना की घोषणा की है। 2,539.61 करोड़ रुपए के खर्च से इस योजना को 2025-26 तक पूरा किया जाएगा।
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