लोकसभा में महिला रिजर्वेशन बिल पर गजब की तकरार देखने को मिली है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकारें कमजोर महिलाओं का चयन करती हैं।
Women Reservation Bill Loksabha. महिला रिजर्वशन बिल पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी तकरार सिर्फ अमित शाह और राहुल गांधी के बीच ही नहीं हुई। यह तकरार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच भी देखने को मिली। खड़गे के कमजोर महिला वाले बयान पर सीतारमण ने शानदार पलटवार किया और बड़ी बातें कहीं। आइए जानते हैं दोनों नेताओं के बीच आखिर क्या हुआ।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने क्या कहा
कांग्रेस के नेशनल प्रेसीडेंट मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनैतिक पार्टियां कमजोर महिला को चुनने की आदत हो गई है। वे ऐसी महिलाओं को नहीं चुनते हैं जो वास्तव में लड़ सकती हैं। मल्लिकार्जुन ने आगे कहा कि वे हमें कोई क्रेडिट नहीं देते लेकिन याद दिलाना चाहता हूं कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में ही पारित हो चुका है लेकिन किसी कारणवश उसे रोक दिया गया था।
निर्मला सीतारमण ने क्या जवाब दिया
मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं लेकिन यह बयान देना कि पार्टियां कमजोर महिलाएं चुनती हैं, प्रभावी नहीं है। यह किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता है। बीजपी ने और हमारे प्रधानमंत्री ने महिलाओं को सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू एक सशक्त महिला हैं। इस बयान पर फिर खड़गे बोल उठे और कहा कि मेरा कहने का मतलब है कि पिछड़े और दलित महिलाओं को मौके नहीं दिए जाते हैं।
केंद्र सरकार ने पेश किया महिला आरक्षण बिल
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल पेश किया जिस पर ज्यादातर दलों ने रजामंदी जताई है। राष्ट्रवादी पार्टी की नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि यह बिल उस चेक की तरह है जो बैंक बंद होने के बाद मिलता है। वहीं टीएमसी ने बिल समर्थन में बात कही। नीतीश कुमार ने भी दलित और पिछड़े वर्ग की बात कही।
यह भी पढ़ें