Bharat NCAP लॉन्च, अक्टूबर के बाद गाड़ियों का खुद क्रैश टेस्ट कर सकेगा कस्टमर

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एनसीएपी का शुभारंभ किया। एनसीएपी का उद्देश्य देश में 3.5 टन वाले वाहनों के लिये सुरक्षा मानकों को बढ़ाकर रोड सेफ्टी में इजाफा करना है।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 22, 2023 5:54 PM IST / Updated: Aug 23 2023, 11:29 AM IST

BNCAP for Road Safety: देश में हर साल डेढ़ लाख से अधिक जानें असुरक्षित तरीके से गाड़ी चलाने व रोड एक्सीडेंट्स से जाती हैं। देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए भारत सरकार ने भारत न्यू कार असेसमेंट कार्यक्रम की शुरूआत की है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। भारत न्यू कार असेसमेंट कार्यक्रम (भारत एनसीएपी) का उद्देश्य देश में 3.5 टन वाले वाहनों के लिये सुरक्षा मानकों को बढ़ाकर रोड सेफ्टी में इजाफा करना है।

नितिन गडकरी बोले-इससे मिलेगा सुरक्षित वाहन खरीदने का विकल्प

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस कार्यक्रम के लागू होने के बाद सुरक्षित वाहन खरीदने के बेहतर विकल्प आम उपभोक्ताओं को मिल सकेगा। अब आप गाड़ी खरीदते समय सेफ्टी मानकों की एक-एक जानकारी ले सकते हैं। गडकरी ने कहा कि भारत-एनसीएपी से भारत में वाहनों की सुरक्षा और उनकी गुणवत्ता में बहुत बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही सुरक्षित वाहनों के निर्माण के लिए ओईएम के बीच स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

कस्टमर्स और कंपनियों, दोनों के लिए लाभदायक

गडकरी ने कहा कि भारत एनसीएपी और एआईएस-197 के तहत नई सेफ्टी मानक से मैन्युफैक्चरर्स और कस्टमर्स को लाभ होगा। इस प्रोग्राम से देश के हजारों नागरिकों की रक्षा हो सकेगी और साथ ही यह मोटर-वाहन उद्योग को दुनिया में पहले नंबर पर लाने के लिए सहायक होगा। यह कार्यक्रम 3.5टी जीवीडब्लू के नीचे वाली एम-1 श्रेणी के स्वीकृत वाहनों पर लागू होगा। यह ऑप्शनल कार्यक्रम है जिसमें निर्धारित मॉडल वाले वाहनों की विभिन्न किस्मों की जांच की जायेगी।

अक्टूबर से शुरू होगा प्रोग्राम

यह कार्यक्रम एक अक्टूबर 2023 से शुरू होगा। यह मोटर-वाहन उद्योग मानक (एआईएस) 197 पर आधारित होगा। इसका उद्देश्य गाड़ियों की सेफ्टी में कंपटेटिव तरीके से वृद्धि करना है। साथ ही एक ऐसा इको सिस्टम डेवलप करना है ताकि गाड़ियों की मैन्युफैक्चरिंग ऐसे हो कि सड़कों पर दौड़ने वाली अधिकतर गाड़ियां सारे मानकों पर खरी उतरें। गाड़ी खरीदने के पहले कस्टमर्स को क्रैश टेस्ट करके उन मानकों को चेक करने की सुविधा मिलेगी।

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