केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस के शासन के दौरान के 9 भ्रष्टाचार को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि भारत को हिला देने वाले यह घोटाले इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी तक की जानकारी में हुए थे।
Rajeev Chandrasekhar attack on Congress: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का भ्रष्टाचार का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। राहुल गांधी चाहते हैं कि मुफ्तखोरी कराकर जनता का ध्यान भटका दिया जाए इसलिए वह तरह तरह की मुफ्त की योजनाओं का प्रलोभन दे रहे हैं लेकिन कांग्रेस के भ्रष्टाचार को हमेशा याद रखा जाएगा।
राजीव चंद्रशेखर ने 9 भ्रष्टाचार को याद दिलाया
केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस के शासन के दौरान के 9 भ्रष्टाचार को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि भारत को हिला देने वाले यह घोटाले इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी तक की जानकारी में हुए थे। इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी और सोनिया गांधी तक, इस एक परिवार ने 15 लाख करोड़ से अधिक का घोटाला किया है। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अब इस परिवार के उत्तराधिकारी सत्ता में आने के लिए बेताब हैं ताकि भ्रष्टाचार की विरासत को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज के 09 घोटाले, इस 'बेताब वारिस' की निर्विवाद विरासत है।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इंदिरा गांधी ने 1975 में चुनाव धोखाधड़ी की थी। चुनावी भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने के बाद इंदिरा गांधी को छह साल के लिए पद संभालने से रोक दिया गया था। उन्होंने कहा कि तेल घोटाला (1976) में हुआ था। इंदिरा गांधी और संजय गांधी ने करोड़ों डॉलर की इस डकैती को अंजाम दिया। सरकार को 13 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बताया गया कि परोक्ष रूप से पैसा इंदिरा और संजय को जाता था। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए बोफोर्स घोटाला 1987 में किया। 410 फील्ड होवित्जर तोपों की बिक्री के लिए भारत सरकार के साथ स्वीडिश हथियार निर्माता बोफोर्स के बीच 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे में अवैध रिश्वत का भुगतान किया गया था और आपूर्ति अनुबंध लगभग दोगुनी राशि का था। राजीव के बाद, सोनिया को परंपरा जारी रखनी थी। उन्होंने 2जी घोटाला किया। यह 1,76,645 करोड़ रुपये के घोटाला का अनुमान है।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सोनिया यहीं नहीं रुकीं। भाजपा के तीन सदस्यों ने लोकसभा में एक करोड़ रुपये नकद दिखाते हुए आरोप लगाया था कि वाम दलों द्वारा भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर अपना समर्थन वापस लेने के बाद अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उनका समर्थन हासिल करने के लिए यूपीए सरकार के फ्लोर मैनेजरों द्वारा उन्हें पैसे दिए गए थे। 2010 में राष्ट्रमंडल खेल घोटाला हुआ। इस विशाल खेल आयोजन पर अरबों डॉलर खर्च किए गए थे। इसके अलावा 2011 में देवास-एंट्रिक्स घोटाला किया गया। 2012 में कोयला घोटाला हुआ। तत्कालीन भारत सरकार पर 2004-2009 की अवधि के दौरान अकुशल तरीके से कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए। साल 2013 में चॉपर घोटाला हुआ। 12 अगस्ता वेस्टलैंड AW101 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए 36 बिलियन रुपये (US$530 मिलियन) का भारतीय अनुबंध हासिल करने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है।
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