केरल की नई आईटी पॉलिसी ड्राफ्ट को केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पुरानी इमारत पर नया पेंट लगाने की कोशिश बताया

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सीएम पिनाराई विजय की घोटाले वाली सरकार ने 2017 में ऊंचे वादे किए लेकिन वह विफल रही।

Rajeev Chandrasekhar on new IT policy draft of Kerala: केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने केरल की नई आईटी पॉलिसी ड्राफ्ट की आलोचना करते हुए इसे किसी पुरानी इमारत पर नया पेंट लगाने की कोशिश जैसा बताया है। उन्होंने कहा कि केरल की नई आईटी नीति का मसौदा केवल नया और लिबरलाइजेशन का लेबल लगाकर पेश किया गया है। लेकिन इससे उन तथ्यों को नहीं छुपाया जा सकता जिसकी वजह से केरल बर्बाद हो गया। केरल एक समय आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स में अग्रणी था लेकिन कांग्रेस की भ्रष्ट राजनीति और सीपीएम की हिंसा और खोखले वादों से यह बर्बाद हो गई।

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सीएम पिनाराई विजय की घोटाले वाली सरकार ने 2017 में ऊंचे वादे किए लेकिन वह विफल रही। आईटी नीति पूर्व में विजयन सरकार और उनके सीएम ने ही पेश की थी और अब नया ड्राफ्ट पेश कर अपनी विफलता को छुपा रही है।

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कहां गई नौकरियां?

केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि केरल की आईटी नीति लागू करते हुए सीएम विजयन ने नौकरियों का वादा किया था। उस समय 2,50,000 नौकरियों का वादा कहां गया? वे आईटी पार्क कहां हैं जिनका तब वादा किया गया था? आईटी/आईटीईएस के लिए 10 मिलियन वर्ग फुट निर्मित जगह कहां है? उन्होंने कहा कि किसी भी जिम्मेदार या समर्पित सरकार की प्राथमिकता युवाओं के लिए अधिक अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करना होता है। लेकिन दुख की बात है कि कांग्रेस और सीपीएम दोनों के लिए प्राथमिकता नहीं है जो 10 साल तक यूपीए में सहयोगी रहे और अब आईएनडीआई गठबंधन में हैं। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि मलयाली युवा भारत या विदेश में अवसरों की तलाश में केरल छोड़ना जारी रखते हैं। ऐसा कब तक जारी रह सकता है?

केरल सरकार को रिपोर्ट पेश करनी चाहिए

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि केरल सरकार और मुख्यमंत्री को 2017 के नीति वक्तव्य से लेकर आज तक की आईटी उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड पेश करने के लिए आगे आना चाहिए। इससे जनता को सरकार की आईटी क्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धियों पर तस्वीर साफ हो सकेगी। उन्होंने कहा कि केरल सरकार की नई आईटी नीति ड्राफ्ट में एक दशक की देरी हो चुकी है और तमाम अवसर खो गए हैं। अगर केरल की सरकार टेक्निकल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे और मलयाली युवाओं के लिए अधिक अवसर पैदा करने के लिए काम करे तो नरेंद्र मोदी की सरकार उसका समर्थन करेगी।

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