केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि 1958 में एक साल पहले सूचित होने के बावजूद तत्कालीन प्रधान मंत्री नेहरू ने देश से सच्चाई छिपाई और केवल 1959 में आधिकारिक तौर पर भारतीय क्षेत्र पर चीनी कब्जे की घोषणा की।
Rajeev Chandrasekhar slammed Congress Government: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत की जमीन पर चीन के कब्जे के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर आरोप लगाया। चंद्रशेखर ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के कमजोर नेतृत्व की वजह से भारत को वैश्विक मंच पर अपमान सहना पड़ा। चीन ने भारतीय भूमि पर कब्जा किया लेकिन तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू ने देश से सच्चाई छिपाई।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा-कमजोर नेतृत्व का खामियाजा देश भुगता
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि 1958 में एक साल पहले सूचित होने के बावजूद तत्कालीन प्रधान मंत्री नेहरू ने देश से सच्चाई छिपाई और केवल 1959 में आधिकारिक तौर पर भारतीय क्षेत्र पर चीनी कब्जे की घोषणा की। 1962 में चीन ने इतिहास को फिर से दोहराया जब नेहरू और तत्कालीन वामपंथी रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन के नेतृत्व वाली सरकार के सामने चीन ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। इससे सभी मोर्चों पर भारत को वैश्विक अपमान का सामना करना पड़ा। कमजोर नेतृत्व की कीमत हमारे बहादुरों और हमारे देश को चुकानी पड़ी।
स्वतंत्र भारत के इतिहास का काला दिन
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि 20 अक्टूबर से 21 नवंबर 1962 का दिन स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक काले और अपमानजनक अध्याय के रूप में सदैव अंकित रहेगा। यही वह समय था जब हजारों भारतीयों और हमारे सशस्त्र बलों के असंख्य सदस्यों ने पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनके वामपंथी रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन के तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व द्वारा अपनाई गई भ्रामक 'हिंदी-चीनी भाई भाई' नीति के लिए अपने जीवन की कीमत चुकाई।
केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि भारत को इस कमजोर और भ्रमित नेतृत्व की कीमत चुकानी पड़ी और हमारे गौरवान्वित देश को वैश्विक अपमान सहना पड़ा। इससे हमारे सशस्त्र बलों के मनोबल को अक्षम्य क्षति हुई जो अपर्याप्त हथियारों के बावजूद आखिरी गोली तक और यहां तक कि संगीनों और नंगे हाथों से भी बहादुरी से लड़े, जिससे दुश्मनों को भारी नुकसान हुआ। भारत की रक्षा के लिए अनेक वीरों ने युद्ध किया और अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि भारत को फिर कभी इस स्थिति से गुजरना नहीं पड़ेगा क्योंकि ये पीएम नरेंद्र मोदी जी का न्यू इंडिया है।
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