केंद्रीय कैबिनेट मंत्री संतोष गंगवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कोरोना महामारी के बीच सामने आ रहीं लापरवाही और अव्यवस्थाओं का मुद्दा उठाया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि अफसर फोन नहीं उठाते हैं। मरीजों को अस्पताल में रेफरल के नाम पर यहां वहां घुमाया जा रहा है और भर्ती नहीं किया जा रहा।
लखनऊ. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री संतोष गंगवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कोरोना महामारी के बीच सामने आ रहीं लापरवाही और अव्यवस्थाओं का मुद्दा उठाया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि अफसर फोन नहीं उठाते हैं। मरीजों को अस्पताल में रेफरल के नाम पर यहां वहां घुमाया जा रहा है और भर्ती नहीं किया जा रहा।
अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में कोरोना से हाल बेहाल है। केंद्रीय कैबिनेट मंत्री संतोष गंगवार ने अपने पत्र में कहा है कि व्यापारी मेडिकल इक्विपमेंट डेढ़ गुना ज्यादा दाम पर बेच रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने मांग की है कि सरकार इनके दाम तय करे।
केंद्रीय मंत्री ने क्या लिखा पत्र में?
- उन्होंने कहा, MSME के तहत बरेली में कुछ प्राइवेट -सरकारी अस्पतालों को 50% छूट देने के साथ जल्द से जल्द ऑक्सीजन प्लांट मुहैया कराया जाए, ताकि ऑक्सीजन में होने वाली दिक्कतों को खत्म किया जा सके।
- उन्होंने लिखा कि कोरनोना मरीजों को कम से कम समय में रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया जाए। उन्होंने लिखा, पता चला है कि रेफरल होने के बाद भी मरीजों को दोबारा रेफरल के लिए सरकारी अस्पतालों में भेजा जा रहा है। ऐसे में उनकी ऑक्सीजन कम हो रही है और कई घटनाओं में मरीजों की मौत हो रही है।
- बरेली में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी है। यहां लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर को बिना वजह अपने घर में रख लिया है। बिना वजह सिलेंडर रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जरूरतमंद को सुविधा पहुंचाई जाए।
- शहर के अधिकारी मेरा फोन नहीं उठाते। मरीजों को काफी असुविधा हो रही है। बरेली के सभी प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भर्ती करने की सुविधा दी जाए।
- वैक्सीन संबंधित सभी अस्पताल जो आयुष्मान भारत से जुड़े हुए हैं, वहां वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के साथ वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए।
डीएम ने कुछ नहीं किया
उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले बरेली के डीएम को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सुविधाओं और कोविड मैनेजमेंट को बेहतर करने के लिए सुझाव दिया था। लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।