यूके में खालिस्तानी समर्थक चरमपंथियों से निपटने के लिए अलग फंड, ब्रिटेन के सिक्योरिटी मंत्री टुगेनधाट किया ऐलान

ब्रिटिश हाईकमीशन ने बताया कि नई फंडिंग की घोषणा ब्रिटेन में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर भारत में बढ़ती चिंताओं के बीच हुई है। सरकार ने भारत की चिंताओं पर अधिक फोकस खासकर मार्च में लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले के बाद किया

UK increased security funds to tackle Pro-Khalistani extremism: यूके में खालिस्तानी समर्थकों से निपटने के लिए सरकार ने अतिरिक्त फंड अलॉट किया है। यूनाइटेड किंगडम के सिक्योरिटी मिनिस्टर टॉम टुगेनधाट ने बताया कि खालिस्तान समर्थक उग्रवाद से निपटने के लिए ब्रिटेन में 95 हजार पाउंड की नई फंडिंग का ऐलान किया गया है। यह भारतीय रुपये में करीब एक करोड़ है। ब्रिटिश हाईकमीशन ने टुगेनधाट के तीन दिवसीय भारत यात्रा पर यह जानकारी साझा की है।

ब्रिटिश हाईकमीशन ने बताया कि नई फंडिंग की घोषणा ब्रिटेन में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर भारत में बढ़ती चिंताओं के बीच हुई है। सरकार ने भारत की चिंताओं पर अधिक फोकस खासकर मार्च में लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले के बाद किया। दरअसल, सिक्योरिटी इनीशिएटिव पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने और कोलकाता में जी20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए यूके के सिक्योरिटी मिनिस्टर भारत में हैं।

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विदेश मंत्री जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल से की मुलाकात

दिल्ली में उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। हाईकमीशन ने शुक्रवार को कहा कि गुरुवार को नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक मीटिंग हुई। इस मीटिंग के दौरान यूके के सिक्योरिटी मिनिस्टर ने खालिस्तान समर्थक चरमपंथ से निपटने के लिए यूके की क्षमता बढ़ाने के लिए नई फंडिंग के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि खालिस्तान समर्थक चरमपंथ या उग्रवाद से उत्पन्न खतरे से सुरक्षा के लिए 95 हजार पाउंड का फंड जारी किया जाएगा। इस फंड को संयुक्त चरमपंथ टास्क फोर्स के माध्यम से यूके और भारत के बीच पहले से चल रहे ज्वाइंट वर्क के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

दोनों देश गहरी समझ रखते

टुगेनधाट ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच गहरी और स्थायी दोस्ती है। दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में हमारे पास दुनिया को एक सुरक्षित और अधिक समृद्ध स्थान बनाने के लिए कई साझा अवसर हैं। उन्होंने कहा कि हमारे दोनों देशों के बीच गहरी साझेदारी का मतलब है कि हम उन सुरक्षा खतरों से अधिक प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं जिनका हम दोनों सामना कर रहे हैं। मैं चरमपंथ के खिलाफ हमारी समझ और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।

उधर, नई फंडिंग पर ब्रिटेन के सिक्योरिटी मंत्री के ऐलान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने किसी भी टिप्पणी से इनकार किया है। प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह यूके का आंतरिक मामला है। हालांकि, उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से हम ब्रिटेन की ओर से चरमपंथियों और कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं। खासकर उन लोगों के खिलाफ जो हिंसा भड़का रहे हैं और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। बागची ने कहा कि लंदन में भारतीय मिशन की सुरक्षा के संबंध में बातचीत चल रही है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करना चाहेगा।

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