सुप्रीम कोर्ट से जर्नलिस्ट शाहीन अब्दुल्ला ने अनुरोध किया था कि वह केंद्र को घोर नफरत भरे भाषणों पर रोक लगाने का निर्देश दे। कोर्ट शाहीन अब्दुल्ला की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को लेकर केंद्र सरकार को बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच मामलों की जांच के लिए कमेटी बनाने का निर्देश दिया है। केंद्र को आदेश देते हुए एपेक्स कोर्ट ने कहा कि वह देश भर में नफरत फैलाने वाले भाषण के मामलों की जांच के लिए एक समिति बनाने पर काम करे।
कोर्ट, जर्नलिस्ट शाहीन अब्दुल्ला की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट से शाहीन ने अनुरोध किया था कि वह केंद्र को घोर नफरत भरे भाषणों पर रोक लगाने का निर्देश दे। दरअसल, हरियाणा में आयोजित एक धर्म विशेष की खिलाफत करने वाली रैलियों में एक समुदाय के सदस्यों की हत्या करने, उनके आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार का आह्वान किया गया था। बीते दिनों हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा में छह लोग मारे गए थे।
क्या कहा कोर्ट ने?
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा कि समुदायों के बीच सद्भाव और सौहार्द होना चाहिए। सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ सौहार्द स्थापना के लिए सभी समुदाय जिम्मेदार हैं। नफरत फैलाने वाले भाषण किसी भी सूरत में अच्छे नहीं हैं। कोई भी इसे स्वीकार नहीं कर सकता है।
कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि वह 18 अगस्त तक समिति के बारे में निर्देश और जवाब मांगें। बेंच ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि वह वीडियो समेत सारे कंटेंट एकत्रित कर नोडल अधिकारियों को दे।
याचिका में अब्दुल्ला ने कहा कि हमें उम्मीद और भरोसा है कि राज्य सरकारें और पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि पहचान के बावजूद किसी भी समुदाय के खिलाफ कोई नफरत फैलाने वाला भाषण न दिया जाए। कोई शारीरिक हिंसा या संपत्तियों को नुकसान न हो।
जस्टिस खन्ना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पुलिस प्रमुख को एक समिति बनाने के लिए कहेगा जो विभिन्न क्षेत्रों के पुलिस स्टेशनों को प्राप्त नफरत भरे भाषण की शिकायतों पर गौर करेगी। अगली सुनवाई 18 अगस्त को तय की गई है।
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