UP: बाराबंकी में स्कूल पहुंची दो छात्राएं कोरोना संक्रमित, प्रशासन ने किया होम आइसोलेट

वैश्विक महामारी से देश अब लगभग पूरी तरह अनलॉक हो चुका है। अनलॉक के साथ ही कंटेंटमेंट जोन में सरकार ने अभी भी सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। इसी बीच स्कूलों को खोलने का केंद्र सरकार का फैसला बच्चों के जीवन को खतरे में डालने का काम कर रहा है। यूपी के बाराबंकी में स्कूल पहुंची दो छात्राओं के कोरोना संक्रमित होने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 19, 2020 1:49 PM IST / Updated: Oct 19 2020, 07:21 PM IST

बाराबंकी. वैश्विक महामारी से देश अब लगभग पूरी तरह अनलॉक हो चुका है। अनलॉक के साथ ही कंटेंटमेंट जोन में सरकार ने अभी भी सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। इसी बीच स्कूलों को खोलने का केंद्र सरकार का फैसला बच्चों के जीवन को खतरे में डालने का काम कर रहा है। यूपी के बाराबंकी में स्कूल पहुंची दो छात्राओं के कोरोना संक्रमित होने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। फिलहाल दोनों छात्राओं को इनको होम क्वारंटीन कर दिया गया है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश में इंटर और हाईस्कूल के साथ ही उच्च शिक्षा विद्यालय भी छात्रों के लिए खोल दिए गए हैं। बाराबंकी में इस दौरान पहले दिन सिर्फ नाममात्र के ही छात्र और छात्राएं नजर आईं। इससे साफ है कि राज्य के लोगों में अब भी कोरोना वायरस का खौफ बना हुआ है। हालांकि कुछ बच्चे अपने घर से अभिभावकों का सहमतिपत्र लेकर साथ आए थे। यहां के स्कूलों में बच्चों को सैनिटाइज करने और कोरोना टेस्ट के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा था।

जिनके संपर्क में आईं उनका भी होगा कोरोना टेस्ट

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में 50 बालिकाओं का कोरोना टेस्ट किया गया जिसमें दो बालिकाएं संक्रमित पाई गई हैं। दोनों बालिकाओं में लक्षण नहीं थे इसलिए इन बालिकाओं को इनके घर वापस भेजकर अभिभावकों से कहा गया है कि संक्रमित बालिकाओं को एक अलग कमरे में क्वारंटाइन रखा जाए। इसके साथ ही घर के लोग दूरी बनाए रखें। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि जिनके संपर्क में ये बालिकाएं आई हैं, उनका भी टेस्ट कराया जाए ताकि संक्रमण के फैलाव से बचा जा सके।

स्कूल में ही हो रहा कोरोना टेस्ट

अच्छी बात ये है कि विद्यालय में जिसका भी टेस्ट हो रहा है, उसकी तत्काल रिपोर्ट दी जा रही थी। हालांकि बाराबंकी जिले के सभी माध्यमिक विद्यालयों में कोरोना टेस्ट नहीं हो रहा है। ऐसे में स्कूली छात्र- छात्राओं में अभी भी संक्रमण का बड़ा खतरा बना है।  

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