भारत पर कोरोना का संकट बढ़ता ही जा रहा है। पूरे देश में संक्रमण के 500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, वहीं, 11 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार को लॉकडाउन तक का फैसला करना पड़ा।
नई दिल्ली. भारत पर कोरोना का संकट बढ़ता ही जा रहा है। पूरे देश में संक्रमण के 500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, वहीं, 11 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार को लॉकडाउन तक का फैसला करना पड़ा। अब तक 32 राज्यों के 560 जिलों में 31 मार्च तक लॉकडाउन है। हिमाचल, पंजाब समेत 6 राज्यों में कर्फ्यू लगाया गया है।
लॉकडाउन में सिर्फ जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं को बंद कर दिया गया है। बैंक, एटीएम, पेट्रोल पंप, दूध-किराने की दुकानें, पुलिस, अस्पताल, राशन, बिजली, जल विभाग जैसी जरूरत की सेवाएं खुल रही हैं।
लोगों के संपर्क में आने से बढ़ रहे कोरोना के मामले
कोरोना का संक्रमण संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से फैल रहा है। ऐसे में इसे फैलने से रोकने के लिए सबसे अच्छा उपाय सोशल डिस्टेंसिंग हैं। सरकार लगातार खुद को घर में बंद कर भीड़ भाड़ से दूर रहने की बात कह रही है। कोरोना संक्रमित शख्स द्वारा किसी चीज को छूने के बाद उसे छूने से भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब समाचार पत्र को लेकर भी तमाम प्रकार की अफवाहें फैल रही हैं।
अफवाहों के चलते हॉकर्स में डर, लोगों ने समाचार पत्र लेना बंद किए
समाचार पत्रों को लेकर कहा जा रहा कि इससे संक्रमण फैल सकता है। ऐसे में हॉकर्स भी डरे हुए हैं। संक्रमण के डर से तमाम हॉकर्स ने न्यूज पेपर भी डालना बंद कर दिए। वहीं, जो हॉकर्स पेपर डाल रहे हैं, तो लोग उन्हें लेने से मना कर रहे हैं। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन और सरकार ने साफ किया है कि पेपर से कोई संक्रमण नहीं फैलता है।
लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम से यूजर का डिजिटल पर फोकस
उधर, लॉकडाउन के चलते स्कूल, कॉलेज से लेकर प्राइवेट दफ्तर, फैक्ट्री सब बंद हैं। वहीं, कुछ क्षेत्रों में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर भी बढ़ा है। ऐसे में लोग डिजिटल मीडिया और ई पेपर पर खबरें पढ़ने को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं।
डेटा की खपत बढ़ी
हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट भी सामने आई थी। इसमें कहा गया था कि वर्क फ्रॉम होम और लॉकडाउन के चलते डेटा की खपत बढ़ी है। इस दबाव के चलते इंटरनेट की स्पीड भी कम हुई है।