उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार केंद्रीय नेतृत्व ने यह फैसला लिया है। अगले सीएम के तौर पर अनिल बलूनी, धन सिंह रावत और अजय भट्टा का नाम सबसे आगे है।
नई दिल्ली. उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। जब उनसे इस इस्तीफे की वजह पूछी गई, तो उन्होंने यह जानने के लिए आपको दिल्ली जाना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार केंद्रीय नेतृत्व ने यह फैसला लिया है। अगले सीएम के तौर पर अनिल बलूनी, धन सिंह रावत और अजय भट्टा का नाम सबसे आगे है। हालांकि धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे है।
इस्तीफे के बाद क्या बोले रावत
इस्तीफे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रावत ने कहा, मैं लंबे वक्त से राजनीति में हूं। भाजपा ने मुझे यह अवसर दिया। मेरा जन्म छोटे से गांव में हुआ। पिताजी पूर्व सैनिक थे। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मुझे इतना बड़ा सम्मान मिलेगा। भाजपा में ही संभव है।
जेपी नड्डा के साथ धन सिंह रावत की तस्वीर
राज्य से लौटने पर सौंपी रिपोर्ट
पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि चार मंत्रियों सहित कम से कम 10 भाजपा विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। इसके अलावा दो केंद्रीय नेताओं, भाजपा उपाध्यक्ष रमन सिंह और महासचिव दुष्यंत सिंह गौतम ने कथित तौर पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपनी रिपोर्ट राज्य से लौटने पर सौंपी है।
मंत्री और विधायकों ने खोला है मोर्चा
त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ कई मंत्रियों और विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है, जिसे भाजपा आलाकमान ने गंभीरता से लिया है। शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने देहरादून आकर प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप की बैठक ली थी। इस दौरान नेतृत्व परिवर्तन से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें रहीं। हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज कर दिया था।
कौन ले सकता है रावत की जगह?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर सीएम बदलते हैं तो त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह पार्टी धन सिंह रावत या सतपाल महाराज का नाम आगे बढ़ा सकती है। लेकिन, अगर इन दोनों नेताओं पर सहमति नहीं बनी तो केंद्र की तरफ से नैनीताल लोकसभा सांसद अजय भट्ट और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के नाम बढ़ाए जा सकते हैं।
2017 में सत्ता में आने के बाद रावत को राज्य विधानसभा में 70 में से 57 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद रावत ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था।