राजस्थान विधानसभा चुनाव करीब है। भाजपा की चुनावी कमेटियों का भी गठन किया जा रहा है लेकिन इसमें वसुंधरा राजे का नाम गायब दिख रहा है। पूर्व सीएम वसुंधरा को कोई भी बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई है। इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है।
जयपुर। मिशन राजस्थान को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। कुछ महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद राजस्थान के कई जिलों का दौरा कर चुके हैं। इन दौरों के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद रहीं। इस बीच पार्टी आलाकमान ने कई महत्वपूर्ण कमेटियों का गठन किया, जिनमें वसुंधरा राजे का नाम कहीं नजर नहीं आया।
भाजपा की दो महत्वपूर्ण कमेटियों में राजे का नाम नहीं
राजनेताओं की माने तो किसी भी पार्टी में चुनाव से संबंधित तीन महत्वपूर्ण कमेटी होती हैं। इन तीन कमेटियों में से फिलहाल भाजपा ने दो कमेटियों का गठन कर दिया है और दोनों में ही वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं है। इससे उनके समर्थकों में बेचैनी आखिर आलाकमान क्या चाह रहा है। वसुंधरा राजे को कोई बड़ी जिम्मेदारी भी नहीं दी जा रही है।
गठित दोनों कमेटियों में भाजपा के एक्टिव नेताओं के नाम
पार्टी से जुड़े हुए एक नेता का कहना है कि चुनाव में तीन कमेटियां सबसे महत्वपूर्ण हैं। इन दोनों ही कमेटियों का आज गठन कर दिया गया है। इनमें पहली कमेटी है प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति और दूसरी कमेटी है प्रदेश संकल्प पत्र समिति। दोनों कमेटियों में तमाम बड़े नेताओं के नाम शामिल है जो पिछले कुछ महीनों से भाजपा में एक्टिव दिखे हैं। इनमें कुछ सांसद हैं और विधायक भी हैं।
इन नेताओं के नाम शामिल
इन नामों में किरोड़ी लाल मीणा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अलका सिंह, राव राजेंद्र सिंह, सुभाष महरिया, अर्जुन लाल मेघवाल, प्रभु लाल सैनी जैसे बड़े नेता शामिल हैं। इनमें से कुछ केंद्रीय मंत्री भी हैं। इनके अलावा नारायण लाल पंचारिया, घनश्याम तिवारी जैसे दिग्गज नेता भी शामिल हैं। दोनों समितियां चुनाव से संबंधित काम देखने के लिए बनाई गई है।
एक समिति का काम चुनाव से संबंधित रूपरेखा तैयार करना और दूसरी कमेटी का काम आने वाले चुनाव में जनता को क्या वादे किए जाने हैं उनकी रूपरेखा बनाना है। यह दोनों महत्वपूर्ण कमेटी है, लेकिन दोनों में वसुंधरा राजे का नाम नहीं है।
कैंपेन कमेटी का होगा गठन
हालांकि सूत्रों का कहना है कि जल्द ही एक और कमेटी का गठन किया जा रहा है। यह भाजपा की कैंपेन कमेटी होगी और इसमें वसुंधरा राजे को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। यह कमेटी ही तय करेगी कि आने वाले चुनाव में किन-किन राज्यों में किन नेताओं को दौरे करने हैं।
माना जाता है कि कैंपेन कमेटी की जिम्मेदारी जिस नेता को मिलती है, वही नेता पार्टी का सबसे मजबूत नेता और चुनाव में पार्टी का चेहरा होता है। अब देखना यह होगा कि वसुंधरा राजे के लिए भाजपा ने क्या सोच रखा है। दोनों कमेटियों में नाम न होने पर वसुंधरा की ओर से फिलहाल कोई बयान नहीं आया है।