वेटिकन से मॉस्को की दूरी महज 1.5 किलोमीटर, इस आश्चर्यजनक सच के बारे में आज जानिए...

वेटिकन और मॉस्को के बीच की दूरी के बारे में हैरान करने वाले जवाब के बाद आपको एक और सवाल चौका देगा।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 21, 2023 12:16 PM IST / Updated: Aug 21 2023, 05:47 PM IST

Vatican to Moscow: सामान्य ज्ञान की जानकारी रखने वालों से अगर पूछा जाए कि मॉस्को या वेटिकन कहां है तो फौरी तौर पर यह कोई भी कह देगा कि मॉस्को, रूस की राजधानी है। वहीं वेटिकन दुनिया का सबसे छोटा देश है। और यह ईसाई धर्मांवलंबियों के सबसे पवित्र जगहों में एक है। लेकिन कोई यह कहे कि यह भारत में है तो 99 प्रतिशत लोग इस जवाब को गलत करार देंगे। परंतु, यह सच नहीं है। दरअसल, वेटिकन और मॉस्को-दोनों भारत में है। विश्वास न हो तो एक बार केरल घूम आईए।

मॉस्को से वेटिकन तो केवल एक किलोमीटर दूर?

भारत में वेटिकन और मॉस्को को सुनकर चौकने वाले एक बार और चौकेंगे जब आप केरल में किसी से पूछे कि वेटिकन और मॉस्को में दूरी कितनी है? सवाल सुनने के बाद स्थानीय लोग जब बेहद लापरवाही से यह जवाब देंगे कि यह लगभग एक किलोमीटर दूर है तो आपके आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहेगा।

यह सवाल और जवाब तो आपको और चौका देगी...

वेटिकन और मॉस्को के बीच की दूरी के बारे में हैरान करने वाले जवाब के बाद आपको एक और सवाल चौका देगा। अगर कोई यहां यह पूछता है कि किस विधायक ने बिना पासपोर्ट या वीजा के सबसे ज्यादा मॉस्को या वेटिकन की यात्रा की? इस प्रश्न का केवल एक ही उत्तर आपको मिलेगा: दिवंगत वरिष्ठ कांग्रेस नेता ओमन चांडी।

आइए जानते हैं पूरी कहानी?

दरअसल, केरल का कोट्टायम जिला है। पुथुपल्ली विधानसभा क्षेत्र इसी जिले में है जहां से पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी विधायक रहे। बीते दिनों चांडी का निधन हो गया। उनके निर्वाचन क्षेत्र में दो गांव है मॉस्को और वेटिकन। पुथुपल्ली में अगर आप हैं तो आप सीधे दक्षिण पम्पाडी से जाते हुए वेटिकन पहुंच जाएंगे। हालांकि, यह पोप या बेसिलिका वाला वेटिकन नहीं है। दक्षिण पम्पाडी के रास्ते वेटिकन पहुंचने के बाद आप डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करके सीधे मॉस्को मार्केट में पहुंच जाएंगे। मॉस्को, पुथुपल्ली का एक बेहद सुंदर और सुरम्य गांव है।

पुथुपल्ली में वेटिकन और मॉस्को कैसे बने? 1950 के दशक की शुरुआत में एक चुनाव चल रहा था। थोटाकाड में मार एप्रेम सीरियन ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रीस्ट, इस क्षेत्र में पहुंचे। यहां बहुतायत घरों में लाल झंडों को देखकर प्रीस्ट ने कहा कि क्या यह मास्को है? कुछ दूर पर जब पहुंचे तो उन्होंने कई कैथोलिक लोगों को एक साथ देख, फिर सवाल पूछा कि क्या यह वेटिकन है। प्रीस्ट के दोनों गांवों के इंटरनेशनल नामकरण के बाद दोनों नाम ही अब लोगों की जुबान पर रहते हैं।

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