
VB-G RAM G Bill Passed: संसद में गुरुवार रात एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जिसने देश की राजनीति को गर्मा दिया। MGNREGA की जगह लाए गए VB-G RAM G बिल के पास होते ही विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में 12 घंटे का रात भर धरना दिया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने बिना चर्चा और जबरदस्ती यह बिल पास कराया।
सरकार का कहना है कि यह नया कानून ग्रामीण रोजगार और आजीविका को मज़बूत करेगा, लेकिन विपक्ष इसे पूरी तरह गरीब विरोधी बता रहा है। उनका दावा है कि इस बिल से MGNREGA को खत्म कर दिया गया है, जिससे करोड़ों ग्रामीण मजदूरों की रोज़ी-रोटी पर खतरा मंडरा रहा है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि राज्यसभा में यह बिल आधी रात के बाद जल्दबाज़ी में पास कराया गया। तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा उपनेता सागरिका घोष ने कहा कि सिर्फ पांच घंटे का नोटिस दिया गया और ठीक से बहस तक नहीं होने दी गई।
सागरिका घोष ने कहा कि VB-G RAM G बिल गरीब विरोधी, किसान विरोधी और ग्रामीण भारत के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ गरीबों का अपमान है, बल्कि महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर जैसे महापुरुषों का भी अपमान है, जिनके नाम और विचारों से MGNREGA जुड़ी हुई थी।
विपक्ष चाहता था कि इस अहम बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए, ताकि सभी दल और विशेषज्ञ इस पर चर्चा कर सकें। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने यह मांग ठुकरा दी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नजरअंदाज किया।
सागरिका घोष ने साफ कहा कि यह धरना सरकार के उस रवैये के खिलाफ था, जिसमें गरीबों और ग्रामीण भारत की आवाज़ को दबाया गया। विपक्ष ने चेतावनी दी कि यह विरोध सिर्फ संसद तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश में सड़कों पर उतरा जाएगा।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस दिन को देश के मजदूरों के लिए सबसे दुखद दिन बताया। उन्होंने कहा कि MGNREGA खत्म करके सरकार ने 12 करोड़ मजदूरों की आजीविका पर हमला किया है। कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक ने कहा कि MGNREGA बनाने में 14 महीने तक विचार-विमर्श हुआ था, जबकि नया बिल बिना तैयारी लाया गया है। उनका मानना है कि यह योजना राज्यों पर अतिरिक्त बोझ डालेगी और आगे चलकर फेल हो सकती है।
DMK नेता तिरुचि शिवा ने आरोप लगाया कि संसद परिसर में गांधी और अंबेडकर की मूर्तियों को पीछे कर दिया गया है और अब जिस योजना में गांधी का नाम था, उसे भी हटा दिया गया। उन्होंने इसे देश की आत्मा पर चोट बताया। VB-G RAM G बिल को लेकर संसद से सड़क तक सियासी टकराव तेज हो गया है। सवाल यह है कि क्या यह सच में ग्रामीणों के लिए नई उम्मीद है या फिर गरीबों के अधिकारों पर बड़ा खतरा? आने वाले दिनों में इसका असर देशभर में दिख सकता है।