
Jagdeep Dhankhar Resigned: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से ऐसे समय पद छोड़ा जब मानसून सत्र शुरू ही हुआ था। ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार की ओर से जवाब की मांग को लेकर विपक्षी सांसद सदन में हंगामा कर रहे हैं। ऐसे में राज्यसभा के सभापति की भूमिका अहम हो गई है। आइए जानते हैं संविधान के अनुसार अब राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी कौन संभालेंगे।
संविधान के अनुसार धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद उनके उत्तराधिकारी के चुनाव की प्रक्रिया तत्काल शुरू होनी चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने, मौत, निष्कासन या अन्य किसी कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव जितनी जल्द हो सके कराना है।
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धनखड़ ने अपने कार्यकाल के बीच में पद छोड़ा है। नए चुने गए उपराष्ट्रपति अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। संविधान में इसके बारे में जानकारी नहीं है कि वर्तमान उपराष्ट्रपति के पद से हटने और नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के बीच के समय में उपराष्ट्रपति के कर्तव्यों को कौन निभाएगा। संविधान के अनुसार उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य करते हैं। अगर वह पद से हटते हैं तो जब तक नए राष्ट्रपति शपथ नहीं लें उपसभापति या राष्ट्रपति द्वारा नामित किसी अन्य सदस्य द्वारा राज्यसभा के सभापति का पद संभाला जाता है। वर्तमान स्थिति के अनुसार उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह धनखड़ के नहीं होने पर राज्यसभा की अध्यक्षता करेंगे।