उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पाठ्यक्रम पर उठाए सवाल, बोले इतिहास का पुनरावलोकन जरूरी

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि अब समय आ गया है कि इतिहास का पुनरावलोकन किया जाए और देश के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले सरदार पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे नजरअंदाज कर दिए गए महापुरुषों के बलिदान को सामने लाया जाए। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 23, 2020 5:46 PM IST

चेन्नई. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि अब समय आ गया है कि इतिहास का पुनरावलोकन किया जाए और देश के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले सरदार पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे नजरअंदाज कर दिए गए महापुरुषों के बलिदान को सामने लाया जाए। 

सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का किया अनावरण 
यहां राज भवन में बोस की जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद उन्होंने कहा कि इतिहास को आज के बच्चों को प्रेरित करना चाहिए और उन्हें देश के स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों की जीवनी पढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे नायकों के बलिदान को सामने लाने का समय आ गया है।

पाठ्यक्रम पर उठाए सवाल 
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यवश हमारी पाठ्यपुस्तकों ने स्वतंत्रता आंदोलन के सभी नायकों को उचित महत्व नहीं दिया।” सुभाष चंद्र बोस और सरदार पटेल जैसे नायकों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में भी पसंपोन मुतुरामलिंगा तेवर और वी ओ चिदंबरम पिल्लई जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।

उप राष्ट्रपति ने कहा, “वे महान थे। (लेकिन) आपको भारत के इतिहास में उनका उल्लेख नहीं मिलेगा...। इन नायकों को नजरअंदाज किया गया है। अब इतिहास के पुनरावलोकन का समय आ चुका है …।”

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)   

 

 

Share this article
click me!