
Vice Presidential Election: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के 48 घंटे के भीतर चुनाव आयोग ने नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बुधवार को चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा की। धनखड़ ने सोमवार शाम अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था।
चुनाव आयोग ने कहा, "भारत के चुनाव आयोग को अनुच्छेद 324 के तहत उपराष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव कराने का अधिकार है। यह चुनाव राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम 1952 और उसके अधीन बनाए गए नियमों, राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति चुनाव नियम 1974 द्वारा शासित होता है। इसके अनुसार चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 से संबंधित तैयारियां शुरू कर दी हैं।" चुनाव आयोग ने बताया कि तैयारियां पूरी होते ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी। पहले निर्वाचक मंडल की तैयारी करनी है। इसमें राज्यसभा और लोकसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं। रिटर्निंग अधिकारी/सहायक रिटर्निंग अधिकारी को अंतिम रूप देना है। पहले हुए सभी उपराष्ट्रपति चुनावों की बैकग्राउंड मैटेरियल तैयार करना और बांटना है।
राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम के अनुसार चुनाव आयोग जिस दिन चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी करेगा उसके 32 दिन के भीतर चुनाव कराना होगा। नामांकन दाखिल करने के लिए 14 दिन, उसके बाद जांच के लिए एक दिन और नाम वापस लेने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। यही एक से अधिक उम्मीदवार हैं तो विजेता का फैसला मतदान से होगा।
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव और उपराष्ट्रपति चुनाव में अंतर है। उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य हिस्सा लेते हैं। मनोनीत सदस्य भी इसमें शामिल होते हैं। राज्य विधानमंडल इसमें भाग नहीं लेते। विधायकों को वोट डालने का अधिकार नहीं है। सिर्फ सांसद वोट डाल सकते हैं। वहीं, राष्ट्रपति चुनाव में विधायकों को वोट डालने का मौका मिलता है। राष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के मनोनीत सदस्य वोट नहीं डाल सकते।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान नई दिल्ली स्थित संसद भवन में होता है। मतदान गुप्त होता है। सभी मतों का मूल्य समान होता है। चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार होता है। इसमें सांसद सिंगल ट्रांसफरेबल वोट डालते हैं। वे उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में रखकर वोट डालते हैं।
यह भी पढ़ें- कैसे होगा उपराष्ट्रपति चुनाव, कौन डाल सकते हैं वोट, कितने मतदाता? जानें सभी बड़े सवालों के जवाब
उपराष्ट्रपति निर्वाचित घोषित होने के लिए, किसी उम्मीदवार को आवश्यक न्यूनतम मतों की संख्या प्राप्त करनी होती है। इसे कोटा कहा जाता है। इसकी गणना कुल वैध मतों की संख्या को दो से भाग देकर और एक जोड़कर की जाती है (यदि कोई भिन्न हो, तो उसे छोड़ दिया जाता है)। यदि पहले दौर में कोई भी उम्मीदवार कोटा पार नहीं करता है तो सबसे कम प्रथम वरीयता वाले मतों वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है। उनके मत द्वितीय वरीयता के आधार पर शेष उम्मीदवारों को ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कि एक उम्मीदवार कोटा पार नहीं कर लेता।