उपराष्ट्रपति पद के लिए के लिए शनिवार(6 अगस्त) को वोटिंग हो रही है। विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का मुकाबला NDA के जगदीप धनखड़ से है। 17 पार्टियों के नेताओं ने सर्वसम्मति से राजस्थान की पूर्व राज्यपाल अल्वा को भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना था।
नई दिल्ली. दोनों सदनों के संसद सदस्य भारत के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव(Vice presidential poll ) में शनिवार को मतदान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट किया। मुकाबला NDA उम्मीदवार जगदीप धनखड़( NDA candidate Jagdeep Dhankhar) और विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा( Margaret Alva) के बीच है। NDA के पक्ष में संख्या बल के साथ पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनखड़ एक आसान जीत के लिए तैयार हैं। विपक्षी एकता में दरारें दिखाई दे रही थीं, क्योंकि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने अल्वा के नाम पर निर्णय लेते समय उनसे नहीं पूछे जाने का आरोप लगाते हुए मतदान से दूर रहने का फैसला किया था। मनोनीत सदस्यों सहित लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के पात्र होते हैं। संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 788 है। जीत के लिए 390 से अधिक वोट चाहिए। नए उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को पद की शपथ लेंगे।
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जानिए पूरी डिटेल्स
80 वर्षीय अल्वा कांग्रेस की दिग्गज हैं और उन्होंने राजस्थान और उत्तराखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया है। जबकि 71 वर्षीय धनखड़ समाजवादी पृष्ठभूमि वाले राजस्थान के जाट नेता हैं। हालांकि, आम आदमी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा विपक्षी उम्मीदवार को अपना समर्थन देने के दो दिन बाद शुक्रवार को अल्वा को क्षेत्रीय पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का भी समर्थन मिला था। एआईएमआईएम ने भी अल्वा को अपना समर्थन दिया है। जनता दल (यूनाइटेड), वाईएसआरसीपी, बसपा, अन्नाद्रमुक और शिवसेना जैसे कुछ क्षेत्रीय दलों के समर्थन से एनडीए उम्मीदवार को 515 से अधिक वोट मिलने की संभावना है, जो उनके लिए एक आसान जीत के लिए पर्याप्त है।
अल्वा को अब तक अपनी उम्मीदवारी के लिए पार्टियों द्वारा घोषित समर्थन से 200 से अधिक वोट मिलने की संभावना है। लोकसभा में 23 और राज्यसभा में 16 सांसदों वाली तृणमूल कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का फैसला किया था।
अल्वा ने कहा था
चुनाव से पहले वीडियो मैसेज में अल्वा ने कहा, "अगर संसद को प्रभावी ढंग से काम करना है, तो अपनी पार्टियों से स्वतंत्र होकर सांसदों को विश्वास के पुनर्निर्माण और एक-दूसरे के बीच कम्युनिकेशन को फिर से बनाने की दिशा में तरीके खोजने होंगे। अंत में यह सांसद ही हैं, जो हमारी संसद के चरित्र का निर्धारण करते हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अल्वा का समर्थन करने वाले सभी विपक्षी सांसदों को धन्यवाद देने के लिए गुरुवार रात रात्रिभोज का आयोजन किया था।
यह भी जानें
दूसरी ओर धनखड़ ने शुक्रवार को अपने आवास पर कई भाजपा सांसदों से मुलाकात की थी। इनमें सुशील कुमार मोदी, गौतम गंभीर, राज्यवर्धन राठौर, राजेंद्र अग्रवाल, प्रदीप चौधरी और कार्तिकेय शर्मा शामिल हैं। मौजूदा एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के कुल 788 सदस्य होते हैं। चूंकि सभी मतदाता संसद के दोनों सदनों के सदस्य हैं, इसलिए प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य समान होगा। चुनाव में मतदान गुप्त तरीके से होता है। यानी राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव के मामले में किसी भी परिस्थिति में किसी को भी मतपत्र दिखाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। चुनाव आयोग चेतावनी देता है कि पार्टियां अपने सांसदों को इस मामले में व्हिप जारी नहीं कर सकती हैं।
शुक्रवार को भाजपा ने की थी मॉक वोटिंग
भाजपा ने उप राष्ट्रपति चुनाव से पहले शुक्रवार को राजग गठबंधन के सांसदों के लिए मॉक वोटिंग ड्रिल का आयोजन किया था। अभ्यास के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसका निरीक्षण किया था। अभ्यास के बाद जगदीप धनखड़ संसद पहुंचे और उन्हें अपना उम्मीदवार नामित करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों को धन्यवाद दिया था।
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