विशाखापट्टनम में प्लान्ट से गैस लीक की वजह से 12 लोगों की मौत हो गई। अब मृतकों के परिजन शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि एलजी पॉलिमर कंपनी को बंद किया जाए। इस कांड से पीड़ित लोग भी बड़ी संख्या में इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं।
नई दिल्ली. विशाखापट्टनम में प्लान्ट से गैस लीक की वजह से 12 लोगों की मौत हो गई। अब मृतकों के परिजन शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि एलजी पॉलिमर कंपनी को बंद किया जाए। इस कांड से पीड़ित लोग भी बड़ी संख्या में इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं।
परिजनों ने कहा, पैसा नहीं चाहिए
गैस लीक कांड में एक बेटे ने अपनी मां को गंवा दिया है। एक पत्नी अपने पति को खो चुकी है। एक मां अपने नन्हे से बच्चे के इस दुनिया से जाने से सदमे में है। इन लोगों का कहना है कि उन्हें पैसों की मदद नहीं चाहिए, उन्हें उनके अपने वापस चाहिए।
7 मई की सुबह एलजी पॉलिमर प्लान्ट से हुई थी गैस लीक
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एलजी पॉलिमर प्लान्ट से स्टीरीन गैस लीक होने से 12 लोगों की मौत हो गई। 5 हजार से ज्यादा लोग इससे बीमार हो गए। बीमार का मतलब कुछ लोग उल्टियां कर रहे थे, कुछ बेहोश थे, कुछ सांस नहीं ले पा रहे थे। किंग जॉर्ज अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि प्लांट से रिसने वाली गैस का नाम स्टीरीन है, जो गैस के संपर्क में आने वालों के दिमाग और रीढ़ पर असर करती है। बाहरी वातावरण में आने के बाद स्टीरीन ऑक्सीजन के साथ आसानी से मिक्स हो जाती है। नतीजतन हवा में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगती है।
- गैस का ऐसा प्रभाव दिखा था कि लोग सड़कों पर ही बेहोश होने लगे। इंसान क्या जानवर भी जहां बैठे या लेटे थे, वहीं पर पहले बेसुध हुए और फिर मौत हो गई। चश्मदीद ने बताया कि करीब 4 बजे से ही अफरा-तफरी मच गई थी। प्लान्ट के 3 किमी. के रेडियस में जहरीली गैस का प्रभाव देखा गया।
10 लाख रुपए का मुआवजा
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने ऐलान किया था घटना में मरने वालों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। जो लोग वेंटिलेटर पर हैं, उन्हें 10 लाख रुपए मुआवजा मिलेगा। लेकिन परिजनों का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं बल्कि उनके परिजन वापस चाहिए।