विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने कहा कि लव जिहाद जनसंख्या पर सुनियोजित आक्रमण है। पुलिस, सरकार और समाज इन तीनों को मिलकर सतर्कता पूर्वक समयोचित कार्यवाही हेतु आगे आना होगा। राष्ट्रीय जागरण की पाक्षिक पत्रिका हिन्दू विश्व के लव जिहाद विशेषांक का विमोचन करते हुए कहा कि लव जिहाद एक ऐसा षडयन्त्र है जो कुछ लोगों द्वारा जानबूझ कर पैसे, साधन व धार्मिक अंधविश्वासों के आधार पर चलाया जा रहा है। इसे रोका जाना नितांत आवश्यक है।
नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने कहा कि लव जिहाद जनसंख्या पर सुनियोजित आक्रमण है। पुलिस, सरकार और समाज इन तीनों को मिलकर सतर्कता पूर्वक समयोचित कार्यवाही हेतु आगे आना होगा। राष्ट्रीय जागरण की पाक्षिक पत्रिका हिन्दू विश्व के लव जिहाद विशेषांक का विमोचन करते हुए कहा कि लव जिहाद एक ऐसा षडयन्त्र है जो कुछ लोगों द्वारा जानबूझ कर पैसे, साधन व धार्मिक अंधविश्वासों के आधार पर चलाया जा रहा है। इसे रोका जाना नितांत आवश्यक है।
पत्रिका में लव जिहाद की 147 घटनाओं की सूची सहित दिए गए तत्थ्य समाज की आंखें खोलने वाले होंगे। विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री ने 2012 में कहा था कि 3 सालों में 2667 हिन्दू लड़कियों ने इस्लाम स्वीकार किया तथा इसी बीच 79 लड़कियां वापस हिन्दू बनीं तथा 2 ईसाई। ये जो असंतुलन है, वह चिंताजनक है।
जानें, कैसे फैलाया जा रहा है लव जिहाद?
उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर लव जिहादी मुस्लिम युवक यह विश्वास करता है कि हिन्दू लड़कियों (खासकर निम्न आय वर्ग की) को, चाहे धोखे से, तिलक लगा कर, हाथ में कलावे के साथ हिन्दू होने का भ्रम पैदाकर अपने प्रेम जाल में फंसाने, निकाह और मजहब का विस्तार करने तथा उनके साथ घूमने में उनके समुदाय का समर्थन हासिल है।
"शादी के बाद पता चलता है कि धोखा हुआ"
उन्होंने बताया, जब शादी के बाद लड़की को पता चलता है कि मैंने जिस लड़के से शादी की है वह विधर्मी है। खान-पान, वेश-भूषा, आचार-विचार तथा व्यवहार में उलटा है। तब उनकी स्थिति क्या होती है यह बहुर सारे उदाहरणों से स्पष्ट है।
पत्रिका के सम्पादक श्री विजय शंकर तिवारी तथा विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विनोद बंसल के साथ पत्रिका का अपने कार्यालय से विमोचन करते हुए एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि हिन्दू विश्व ने अपने शोध के माध्यम से इन षडयंत्रों को उजागर करते हुए 147 घटनाओं की सूची सहित जो तत्थ्य दिए हैं वे समाज के लिए बहुत उपयोगी होंगे तथा यह संग्रहनीय अंक समाज की आंखें खोलने वाला साबित होगा।