विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार (Alok Kumar), संयुक्त महासचिव स्थानुमलयन आदि तमिलनाडु में विहिप कार्यकर्ताओं के साथ संतों और साधुओं से लगातार संपर्क कर रहे हैं।
नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने हिंदू मंदिरों और धार्मिक संस्थानों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग की है। विहिप (VHP) ने इसके लिए अभियान चलाने के लिए हिंदू धर्म के साधु-संतों को एकजुट कर रहा है ताकि उनके मार्गदर्शन में आंदोलन को आगे बढ़ाया जा सके। विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि सरकार का कोई नियंत्रण धार्मिक संस्थानों और मंदिरों पर नहीं हो सकता है। साथ ही तमिलनाडु सरकार से धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की मांग की है।
दक्षिण भारत में आंदोलन खड़ा करेगी विहिप
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार (Alok Kumar), संयुक्त महासचिव स्थानुमलयन आदि तमिलनाडु में विहिप कार्यकर्ताओं के साथ संतों और साधुओं से लगातार संपर्क कर रहे हैं। पूरे राज्य में साधु-संतों से मुलाकात कर एक रणनीति बनाई जा रही है।
मंदिरों को सरकारी नियंत्रण मुक्त करने के लिए प्रस्ताव पारित
वीएचपी की केंद्रीय बैठक बीते जुलाई 2021 में हुई थी। इस मीटिंग में हिंदू मंदिरों और धार्मिक संस्थानों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए केंद्रीय कानून बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। विश्व हिंदू परिषद के न्यासी बोर्ड का मानना है कि हिंदू मंदिरों और धार्मिक संस्थानों को सरकार से मुक्त किया जाना चाहिए। भारत में मंदिर हिंदू समाज की सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहे हैं। यहां हिंदू भक्त आते हैं। हिंदू मंदिरों द्वारा शैक्षणिक संस्थान, स्वास्थ्य सेवाएं, त्यौहार, धार्मिक और सामाजिक परियोजनाएं/गतिविधियां संचालित की जाती हैं।
अंग्रेजों के कानून से मंदिर संस्थानों को हो रहा नुकसान
विहिप ने कहा कि सरकारी नियंत्रण से मंदिरों के पैसों का अतार्किक ढंग से तुष्टिकरण किया जाता है। इससे हिंदू परंपराओं को नुकसान पहुंचता है। ब्रिटिश काल में मद्रास हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती अधिनियम, 1926 अधिनियमित किया गया था। इस कानून के परिणामस्वरूप, अंग्रेजी शासन ने हमारे धार्मिक संस्थानों का प्रबंधन और प्रशासन अपने हाथ में ले लिया गया। हमारे मंदिर अभी भी इस काले कानून की आड़ में अधिग्रहित किए जा रहे हैं, जबकि
चिदंबरम नटराज मंदिर मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि सरकारों को चाहिए कि हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करें।
सरकार मंदिरों की मालिक नहीं हो सकती
वीएचपी ने कहा कि सरकार मंदिरों की मालिक नहीं हो सकती। सरकारों और कानून की अदालतों की थोड़ी बहुत भूमिका हो सकती है। विश्व हिंदू परिषद ने एक बयान में कहा कि तमिलनाडु सरकार ने मंदिर की संपत्तियों के मुद्रीकरण का प्रस्ताव शुरू किया है। लेकिन उच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार यह मंदिर के ट्रस्टियों का क्षेत्र है, न कि सरकार का।
विहिप ने की धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग
विश्व हिंदू परिषद ने तमिलनाडु सरकार से धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने का भी आह्वान किया है। परिषद ने कहा कि कानून बनाए जाने से हिंदुओं का धर्मांतरण रोका जा सकेगा और धमकी, अनुचित दबाव, लालच और अन्य विभिन्न धार्मिक संस्थानों द्वारा झूठे वादे कर हिंदू समाज को बरगलाया नहीं जा सकेगा। धर्मांतरण के नाम पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियां भी रोकी जा सकेगी।
Read this also:
NITI Aayog: Bihar-Jharkhand-UP में सबसे अधिक गरीबी, सबसे कम गरीब लोग Kerala, देखें लिस्ट
शहीद Major Viplab Tripathi और उनके परिवार की उग्रवादी हमले में हत्या की जांच करेगी NIA