पारदर्शी छत, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, आरामदायक और घूमने वाली कुर्सियां। रेलवे ने इन खूबियों वाले विस्टाडोम कोच का ट्रायल किया। इन्हें इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने तैयार किया है। आने वाले दिनों में ये कोच यात्रियों के लिए ट्रेन की यात्रा को और अधिक यादगार बना देगा। विस्टाडोम कोच ने मंगलवार को 180 किमी प्रति घंटे के ट्रायल रन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
नई दिल्ली. पारदर्शी छत, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, आरामदायक और घूमने वाली कुर्सियां। रेलवे ने इन खूबियों वाले विस्टाडोम कोच का ट्रायल किया। इन्हें इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने तैयार किया है। आने वाले दिनों में ये कोच यात्रियों के लिए ट्रेन की यात्रा को और अधिक यादगार बना देगा। विस्टाडोम कोच ने मंगलवार को 180 किमी प्रति घंटे के ट्रायल रन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
पीयूष गोयल ने ट्वीट की ट्रेन की फोटो
ट्विटर पर एक घोषणा करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, एक महान नोट पर वर्ष का समापन। भारतीय रेलवे ने नए डिजाइन विस्टाडोम पर्यटक कोच के 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। ये कोच ट्रेन के सफर को यात्रियों के लिए यादगार बना देंगे और पर्यटन को और बढ़ावा देंगे।
कोटा मंडल में हुआ ट्रेन का परीक्षण
रेलवे अधिकारियों ने बताया, नव निर्मित कोच ने पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में 180 किमी प्रति घंटे का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। ट्रायल रन सात दिन पहले ही पूरा हो गया था।
विस्टाडोम कोच की बड़ी खासियत
आईएफसी ऐसे 10 कोच बनाएगा
आईएफसी वर्तमान में 10 ऐसे कोचों का निर्माण करेगा। दो कोचों को चालू कर दिया गया है। उन्हें सेंट्रल रेलवे के सौंप दिया गया है। बाकी के कोचों को अगले साल 31 मार्च से पहले बना लिया जाएगा।
कहां होता है ऐसे कोच का इस्तेमाल
पुराने विस्टाडोम कोच का इस्तेमाल ज्यादातर पर्यटक स्थानों पर होता है, जहां आगंतुक दर्शनीय स्थलों की यात्रा कर सकते हैं। भारतीय रेल द्वारा संचालित इन कोचों में से कुछ मार्ग दादर और मडगांव, अरकू घाटी, कश्मीर घाटी, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका शिमला रेलवे, कांगड़ा घाटी रेलवे, माथेरान हिल रेलवे और नीलगिरि पर्वतीय रेलवे हैं।