विस्तारा का एयर इंडिया में हो सकता है विलय, 2023 अंत तक होगा बड़ा फैसला

एयरलाइंस कंपनी विस्तारा का जल्द ही एयर इंडिया में विलय हो सकता है। टाटा ग्रुप के एयर इंडिया ने विस्तारा की 49 फीसदी हिस्सेदारी रखनेवाली कंपनी सिंगापुर एयरलाइंस से बातचीत की है। इस बातचीत के बाद तय माना जा रहा है कि पिछले कुछ महीनों से चली आ रही अटकलें सही साबित हो सकती हैं। 2023 के आखिर तक कोई निर्णय लिया जा सकता है। 

नई दिल्लीः एयरलाइंस कंपनी विस्तारा (Vistara) का एयर इंडिया (Air India) में विलय हो सकता है। इसको लेकर एयर इंडिया ने सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) से बातचीत भी की है। उम्मीद है कि वर्ष 2023 के आखिर तक कोई निर्णय भी लिया जा सकता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि टाटा ग्रुप की इन तीनों एयरलाइंस कंपनियों में से दो का विलय हो जाए। इससे पहले एयर इंडिया के टाटा (Tata) का बनते ही टाटा ग्रुप में तीन कंपनियां आ गई थी। टाटा एयर इंडिया को बेहतर सर्विस प्रोवाइडर बनाना चाहती है। इस कारण मर्जर से इनकार नहीं किया जा सकता है। पहले भी यह बातें सामने आई थी कि जल्द ही विस्तारा और एयर इंडिया का विलय हो जाएगा। 

टाटा के पोर्टफोलियो में ये तीन एयरलाइंस कंपनियां
एयर इंडिया के टाटा ग्रुप का बनते ही टाटा के पोर्टफोलियो में अब तीन एयरलाइंस कंपनियां आ गई हैं। एयर इंडिया, विस्तारा और एयर एशिया इंडिया. एयर एशिया में टाटा संस की 83.67 फीसदी हिस्सेदारी है। जबकि शेष हिस्सेदारी एयर एशिया इन्वेस्टमेंट लिमिटेड की है। उसी तरह विस्तारा में टाटा की 51 फीसदी हिस्सेदारी है, बाकि सिंगापुर एयरलाइंस (SIA) की है। इसलिए टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच बातचीत के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि विस्तारा और एयर इंडिया का विलय हो सकता है।

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पहले भी हो चुकी है विलय की चर्चा
आप बता दें कि जनवरी 2022 में भी ऐसी अटकलें सामने आयी थी। लेकिन एसआईए के चेयरमैन भास्कर भट्ट ने इन कयासों को अटकल करा दिया था। उनका कहना था कि टाटा समूह का लक्ष्य विस्तारा के संचालन को नुकसान पहुंचाए बिना एयर इंडिया को चालू करना है। विस्तारा व एयर इंडिया के विलय की कोई भी बात करना अटकलबाजी होगी। जानकारी दें कि भास्कर भट्ट टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के निदेशक भी हैं। 

एयर एशिया इंडिया को खरीदने का भी प्रस्ताव
ऑटो से लेकर स्टील तक फैले टाटा समूह ने हाल ही में लगभग 70 सालों के बाद एयर इंडिया के स्वामित्व को फिर से हासिल किया है। उसने सरकार से 2.4 बिलियन डॉलर के इक्विटी एंड डेट सौदे में एयर इंडिया को खरीदा है। अब खबर है कि अब टाटा ग्रुप यह नहीं चाहती कि अलग-अलग जगहों पर एयरलाइंस में पूंजी का निवेश हे। इस कारण टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया एशिया की तमाम इक्विटी शेयर पूंजी खरीदने का प्रस्ताव रखा है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग में दाखिल एक आवेदन से इसकी जानकारी मिली है। अब सिंगापुर एयलाइंस से टाटा ग्रुप की बातचीत के बाद यह कयास लगने लगे हैं कि विस्तारा और एयर इंडिया का विलय हो सकता है। क्योंकि टाटा अलग-अलग एयरलाइंस कंपनियों में निवेश नहीं चाहती है। 

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