Weather report: पूर्वोत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों को भारी बारिश से राहत की उम्मीद, जानिए कैसा रहेगा मौसम

दक्षिण-पश्चिम मानसून(Southwest Monsoon) अपनी स्पीड से आगे बढ़ रहा है। IMD ने अगले 4-5 दिनों में पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अलावा कई राज्यों में भारी बारिश की अलर्ट जारी किया है। दिल्ली में प्री मानसून बारिश से टेम्परेचर में कमी आई है। आइए जानते हैं कैसा रहने वाला है आजकल मे मौसम का मिजाज...

Amitabh Budholiya | Published : Jun 22, 2022 12:52 AM IST / Updated: Jun 22 2022, 06:24 AM IST

मौसम डेस्क. बंगाल की खाड़ी से आने वाली दक्षिण-पश्चिमी हवा के प्रभाव से अगले 4-5 दिनों में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में व्यापक बारिश होने की संभावना है। IMD ने कहा गया है कि उप-हिमालयी जिलों दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार और सिक्किम में भी छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। बंगाल की खाड़ी से दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम हवा के प्रभाव में बारिश होने की संभावना है। हालांकि भारी बारिश में कमी आएगी  (यह तस्वीर सिलचर की है, जहां लगातार बारिश के बाद बाढ़ से ऐसे हालात बन गए हैं)

इन राज्यों में बारिश या भारी बारिश का अनुमान
भारतीय मौसम विभाग(India Meteorological Department) के सीनियर वैज्ञानिक आर के जेनामणि के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान, कोंकण और गोवा, सिक्किम, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, तटीय कर्नाटक और आसपास के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। पूर्वोत्तर भारत में बारिश कम होने की उम्मीद है। यानी यहां भारी बारिश पर विराम लगेगा। देश के उत्तरी हिस्सों में आज कुछ मौसम की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं, लेकिन ये बहुत हल्की होंगी। पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों, तमिलनाडु, लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़ के बाकी हिस्सों, आंतरिक ओडिशा, मध्य प्रदेश के बाकी हिस्सों, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

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प्री मानसून कर देगा दिल्ली में बारिश की कमी पूरी 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि अगले कुछ दिनों में दिल्ली के सफदरजंग सहित कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान में वृद्धि होगी, लेकिन यह 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहेगा। प्री-मानसून गतिविधि का एक और दौर रविवार से शुरू होने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अपनी सामान्य तिथि, 27 जून के आसपास दिल्ली पहुंचेगा और जून के अंत तक बारिश की कमी की भरपाई कर दी जाएगी। पिछले तीन दिनों में हुई प्री-मानसून बारिश ने दिल्ली में बारिश की कमी को कम कर दिया है। स्काईमेट वेदर के अध्यक्ष (मौसम विज्ञान) जीपी शर्मा ने कहा कि मानसून के 23 जून से 29 जून के बीच उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में आने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी से पूर्वी हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ से इस अवधि के दौरान इस क्षेत्र में हल्की या मध्यम बारिश होने का अनुमान है। 

श्रीनगर में 21 जून  सबसे ठंडा रहा
पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण श्रीनगर में जून के महीने में पारा सामान्य से करीब 14 डिग्री नीचे रहा। @Kashmir_Weather ट्विटर हैंडल को संचालित करने वाले एक निजी एजेंसी के मौसम  विज्ञानी फैजान आरिफ ने दावा किया कि श्रीनगर में 21 जून 48 वर्षों में सबसे ठंडा रहा। हालांकि IMD श्रीनगर के अधिकारियों ने कहा कि वे आरिफ द्वारा किए गए दावे को सत्यापित नहीं कर सकते क्योंकि उनकी वेबसाइट में केवल पिछले 10 वर्षों का रिकॉर्ड है।

इन राज्यों में हुई बारिश या भारी बारिश
पिछले 24 घंटों के दौरान गुजरात क्षेत्र, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, पश्चिमी तट, असम, मेघालय, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, केरल में भारी बारिश हुई। गंगीय पश्चिम बंगाल, रायलसीमा, उत्तरी तटीय तमिलनाडु, दक्षिण गुजरात, उत्तरी कोंकण और गोवा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और दक्षिणपूर्व राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होती रही। बिहार, ओडिशा, झारखंड, शेष कोंकण और गोवा, लक्षद्वीप, उत्तराखंड और दिल्ली एनसीआर में हल्की से मध्यम बारिश हुई। जबकि कर्नाटक के बाकी हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलग-अलग हिस्सों और राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में छिटपुट हल्की बारिश दर्ज की गई।

मौसम में बदलाव की कुछ खास वजहें
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, एक पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र पर सक्रिय बना हुआ है। उत्तरी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तर पश्चिम बंगाल और असम तक फैली है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तमिलनाडु तट से दूर दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय है। एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक से दूर अरब सागर में फैली हुई है।

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