पश्चिम बंगाल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर जबर्दस्त सियासी पारा चढ़ा हुआ है। जहां, भाजपा ममता बनर्जी को भ्रष्टाचार, सुशासन जैसे मुद्दों पर घेरने में लगी है, वहीं ममता बनर्जी भी उस पर तानाशाही का आरोप लगाती रही हैं। अब ममता पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों का विरोध करने स्कूटर पर बैठकर सचिवालय पहुंचीं।
कोलकाता, पश्चिम बंगाल. ज्यों-ज्यों यहां विधानसभा चुनाव (West Bengal election 2021) की संभावित तारीखें नजदीक आ रही हैं, त्यों-त्यों सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। जहां, भाजपा ममता बनर्जी को भ्रष्टाचार, सुशासन जैसे मुद्दों पर घेरने में लगी है, वहीं ममता बनर्जी भी उस पर तानाशाही का आरोप लगाती रही हैं। अब ममता पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों का विरोध करने स्कूटर पर बैठकर सचिवालय पहुंचीं। ममता बनर्जी ने महंगाई का विरोध करता पोस्टर टांग रखा था। वे ई-स्कूटर से राज्य सचिवालय के लिए निकलीं। इस दौरान बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस(TMC) के कार्यकर्ता मौजूद थे।
जानें यह भी
ममता बनर्जी ने महंगाई के लिए केंद्र की नीतियों को दोषी माना। इससे पहले बुधवार को ममता ने हुगली में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था। ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सबसे बड़ा दंगाबाज कहा था। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मोदी की तुलना करते हुए कहा था कि जैसा अमेरिका में ट्रम्प के साथ हुआ, वैसा ही भारत में मोदी के साथ होगा। ममता ने दो टूक कहा कि हिंसा से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है।
ममता ने फिर दावा किया कि बंगाल में तृणमूल की ही जीत होगी। बंगाल पर बंगाल का शासन होगा। बंगाल पर गुजरात का शासन नहीं चलेगा। ममता ने कहा कि मोदी बंगाल पर राज नहीं करेंगे। ममता ने भाजपा को गुंडा पार्टी बताते हुए कहा था कि बंगाल पर गुंडे शासन नहीं करेंगे। उन्होंने कोयला घोटाले में फंसे अभिषेक और उनकी पत्नी को लेकर कहा कि सीबीआई ने अभिषेक की पत्नी को पूछताछ के लिए बुलाकर बंगाल की महिलाओं का अपमान किया है।
भाजपा ने दिया था जवाब
ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेनी नड्डा ने पलटवार करते हुए कहा था कि ममता ने बंगाल में हिंसा को बढ़ावा दिया। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा था कि ममता केंद्र की योजनाओं को बंगाल में लागू नहीं होने देतीं।