अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो गई है। बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए आयोजित की जाने वाली यह यात्रा 11 अगस्त तक चलेगी। करीब 43 दिन की इस यात्रा के दौरान 7 से 8 लाख श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे। बता दें कि इस यात्रा का आयोजन अमरनाथ श्राइन बोर्ड करता है।
Amarnath Yatra 2022: पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए होने वाली अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो गई है। बता दें कि कोरोना के चलते अमरनाथ यात्रा पिछले दो साल से स्थगित थी। 30 जून से शुरू हुई यह यात्रा 11 अगस्त तक चलेगी। करीब 43 दिन की इस यात्रा के दौरान 7 से 8 लाख श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे।
क्या है अमरनाथ यात्रा?
अमरनाथ हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यह कश्मीर में श्रीनगर से उत्तर-पूर्व में करीब 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा है, जिसे प्राचीनकाल में 'अमरेश्वर' कहा जाता था। समुद्रतल से करीब 4 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह गुफा 160 फीट लंबी और 100 फीट चौड़ी है। इस गुफा की ऊंचाई करीब 30 फीट है। गुफा में स्थित बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। इस यात्रा का आयोजन अमरनाथ श्राइन बोर्ड करता है।
कैसे मिली बाबा बर्फानी की गुफा :
कहा जाता है कि अमरनाथ गुफा की खोज एक गड़रिए ने की थी। गुफा के पास जानवर चराते हुए इस गडरिए को एक साधु मिले। इस साधु ने गडरिए को कोयले से भरा एक बैग दिया। गडरिए ने घर जाकर जब उस बैग को खोला तो उसमें सोने की मुहरें थीं। ये चमत्कार देख जब गडरिया फिर से गुफा के पास पहुंचा तो वहां उसे वो साधु नहीं दिखे। गुफा के अंदर जाने पर गडरिए ने यहां बर्फ से बना शिवलिंग देखा। इसके बाद से ही इस गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हुई।
भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया था अमरत्व का रहस्य :
पौराणिक मान्यता के मुताबिक, बाबा बफार्नी की इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। तब पार्वती जी के साथ ही इस रहस्य को शुक (तोता) और दो कबूतरों ने भी सुन लिया था। ये शुक बाद में शुकदेव ऋषि के रूप में अमर हो गए। वहीं, कहा जाता है कि गुफा में आज भी श्रद्धालुओं को कबूतरों का वो जोड़ा दिखाई देता है, जिसने अमरत्व का रहस्य सुन लिया था।
क्यों है अमरनाथ यात्रा का महत्व?
अमरनाथ यात्रा के दौरान बाबा बर्फानी के दर्शन का महत्व सिर्फ इसलिए नहीं है कि यहां हिम शिवलिंग हैं। बल्कि इसलिए भी है क्योंकि यहां भगवान शिव स्वयं विराजमान हैं। कहा जाता है कि बाबा अमरनाथ के दर्शन काशी से 10 गुना, प्रयागराज से 100 गुना और नैमिषारण्य से हजार गुना पुण्य देने वाला तीर्थस्थल है। ऐसी मान्यता है कि अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने से 23 तीर्थों के पुण्य का लाभ मिल जाता है।
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