प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) अपने 72वें जन्मदिन पर नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी (National Logistics Policy) लॉन्च करने जा रहे हैं। यह पॉलिसी 17 सितंबर को लॉन्च होगी। इस पॉलिसी से देश भर में उत्पादों के निर्बाध आवागमन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी।
National Logistics Policy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 72 साल के हो गए हैं। इस बार अपने जन्मदिन पर पीएम मोदी काफी व्यस्त रहने वाले हैं। दरअसल, नामीबिया से भारत लाए गए 8 चीतों का स्वागत करने के साथ ही वो 17 सितंबर को नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी (National Logistics Policy) भी लॉन्च करने वाले हैं। इस पॉलिसी से देश भर में उत्पादों के निर्बाध आवागमन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी।
क्या है नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी?
नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी का सीधा मतलब माल ढुलाई की लागत में कमी लाने से है। लॉजिस्टिक्स वो प्रॉसेस है, जिसके अंतर्गत माल और सेवाओं को उनके बनने वाली जगह से लेकर जहां पर उनका इस्तेमाल होना है, वहां भेजा जाता है। जब फैक्टरी में कोई सामान या माल बनता है तो उसे बनने के बाद ग्राहक तक पहुंचाने के लिए एक प्रॉसेस से गुजरना पड़ता है। इस प्रक्रिया को लॉजिस्टिक्स (logistics) और इस पर आने वाले खर्च को लॉजिस्टिक्स लागत या माल ढुलाई खर्च कहा जाता है। इस तरह माल ढुलाई की लागत में कमी लाने के लिए बनाई गई राष्ट्रीय नीति को नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी कहते हैं।
क्यों लाई जा रही नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी?
लॉजिस्टिक्स पालिसी लाने का मकसद इस सेक्टर को बढ़ावा देना है। भारत में फिलहाल लाजिस्टिक्स लागत कुल जीडीपी (GDP) यानी सकल घरेलू उत्पाद का करीब 14% है। सरकार का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स लागत को जीडीपी का 9-10% करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। बता दें कि अमेरिका, चीन और कई यूरोपीय देशों में माल ढुलाई की लागत जीडीपी के 5% से भी कम है।
इस पॉलिसी से क्या होगा फायदा?
नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत देशभर में माल की आवाजाही बेरोकटोक हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही कागजी कार्रवाई को आसान बनाया जाएगा और सिंगल विंडो क्लियरेंस की सुविधा दी जाएगी। ये सब होने से लॉजिस्टिक्स लागत में करीब 10% की कमी आएगी, जिससे निर्यात में 5-8% तक की बढ़ोत्तरी हो सकेगी।
160 अरब डॉलर का है लॉजिस्टिक्स मार्केट :
देश भर में 10 हजार से अधिक उत्पादों के लॉजिस्टिक कारोबार का आकार 160 अरब डॉलर है। इस क्षेत्र में 2.2 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है। मंत्रालय ने कहा है कि इस क्षेत्र की हालत बेहतर होने से अप्रत्यक्ष लॉजिस्टिक लागत में 10% की कमी आएगी जिससे निर्यात में 5 से 8% की बढ़ोतरी होगी।
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