270 साल बाद पद्मनाभस्वामी मंदिर में क्यों होगा महा कुंभअभिषेकम? जानें क्या है इसकी परंपरा

Published : Jun 02, 2025, 01:52 PM IST
Sree Padmanabhaswamy Temple

सार

Sree Padmanabhaswamy Temple: तिरुवनंतपुरम के पद्मनाभस्वामी मंदिर में 270 साल बाद महा कुंभअभिषेकम होगा। 8 जून को होने वाले इस विशेष अनुष्ठान में कई धार्मिक क्रियाएं होंगी। मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद यह एक दुर्लभ और ऐतिहासिक अवसर है।

Sree Padmanabhaswamy Temple: केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में स्थित प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में करीब 270 साल बाद एक खास आयोजन होने जा रहा है। 8 जून को यहां महा कुंभअभिषेकम होगा। आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर महा कुंभअभिषेकम क्भया है और इसका आयोजन इतने सालों बाद क्यों हो रहा है? चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं। 

270 साल बाद होगा महा कुंभअभिषेकम?

बता दें कि यग भगवान विष्णु का मंदिर है और लंबे समय से इस मंदिर में काम चल रहा था, जो अब पूरा हो चुका है। जीर्णोद्धार के बाद मंदिर में इस भव्य अभिषेक का आयोजन किया जाएगा। महा कुंभअभिषेकम एक पारंपरिक पूजा है जो मंदिरों में होती है। इसका उद्देश्य मंदिर की पवित्रता और आध्यात्मिक शक्ति को फिर से जागृत करना होता है। माना जाता है कि इस पूजा से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की ऊर्जा और एकता मजबूत होती है।

मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा और शुद्धिकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा

जब कोई नया मंदिर बनता है या किसी पुराने मंदिर की मरम्मत पूरी होती है, तब इस अभिषेक को किया जाता है। इसे मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा और शुद्धिकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधक बी. श्रीकुमार ने बताया कि यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है और करीब 270 साल बाद इसका बड़ा नवीनीकरण कराया गया है। अब इस जीर्णोद्धार के बाद मंदिर में महा कुंभअभिषेकम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें इससे जुड़ी सभी पारंपरिक रस्में पूरी की जाएंगी।

यह भी पढ़ें: नॉर्थईस्ट में भारी बारिश का दौर जारी, राजस्थान में बदलेगा मौसम का मिजाज, जानें अपने राज्य का हाल

8 जून को मंदिर परिसर में होगा विशेष अनुष्ठान

उन्होंने बताया कि यह विशेष अनुष्ठान 8 जून को मंदिर परिसर में होगा। इस दौरान कई धार्मिक क्रियाएं होंगी। जैसे मंदिर के गर्भगृह के ऊपर बनाए गए नए ढांचे ‘तजिकाकुडम’ और ओट्टक्कल मंडपम पर अभिषेक किया जाएगा। इसके अलावा विश्वसेन की मूर्ति को फिर से स्थापित किया जाएगा और मंदिर परिसर में स्थित तिरुवंबाडी श्रीकृष्ण मंदिर में अष्टबंध कलसम जैसे विशेष अनुष्ठान भी होंगे।

प्रबंधक के अनुसार, इतने बड़े स्तर पर जीर्णोद्धार और पूजा विधियां कई दशकों में एक बार ही होती हैं, इसलिए यह एक दुर्लभ और ऐतिहासिक अवसर है।

भगवान विष्णु के रूप पद्मनाभस्वामी की होती है पूजा

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजा मार्तंड वर्मा ने करवाया था। यहां भगवान विष्णु के रूप पद्मनाभस्वामी की पूजा होती है, जो शेषनाग पर लेटे हुए हैं। भगवान की प्रतिमा लगभग 18 फुट लंबी है और माना जाता है कि यह प्रतिमा खुद यहां प्रकट हुई थी।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

7 दिसंबर 2025 की 8 तस्वीरों में देखें भारत की राजनीति में कहां क्या हुआ?
Goa Restaurant Fire: रेस्क्यू ऑपरेशन की 10 तस्वीरें देख खड़े हो जाएंगे रोंगटे