Prakash Ambedkar on Amit Shah statement: राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अंबेडकर पर अपमानजनक टिप्पणी ने सदन से लेकर सड़क तक बवाल मचाया हुआ है। कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष, होम मिनिस्टर शाह से माफी और इस्तीफा की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहा है। बीजेपी भी दशकों से अंबेडकर का अपमान किए जाने का आरोप कांग्रेस पर लगा रही है। अंबेडकर को लेकर मचे बवाल के बीच उनके परिवारीजन क्या सोच रहे हैं। डॉ.अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर का गृह मंत्री शाह के बयान पर क्या कहना है? आइए जानते हैं…
डॉ.बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बाबा साहेब अंबेडकर पर राज्यसभा में दिया गया बयान, बीजेपी की पुरानी मानसिकता को दर्शाती है। बीजेपी हो या उसकी पूर्व पार्टी जनसंघ या आरएसएस, हमेशा से बाबा साहेब का विरोध करते रहे हैं। उन्होंने कहा: भाजपा के अस्तित्व में आने से पहले, इसके पूर्ववर्ती जनसंघ और आरएसएस ने संविधान को अपनाए जाने के समय बाबा साहब का विरोध किया था। अमित शाह के बयान ने भाजपा की उसी पुरानी मानसिकता को सामने ला दिया है।
वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि अमित शाह के बयान में कुछ भी नया नहीं है। वे अपनी पुरानी योजनाओं को क्रियान्वित नहीं कर पा रहे हैं। कांग्रेस की वजह से नहीं बल्कि बाबा साहब अंबेडकर की वजह से और वे इसी तरह नाराज रहेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान पर चर्चा के लिए राज्यसभा के स्पेशल सेशन में सबसे अंत में विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब दे रहे थे। वह संविधान पर चर्चा करते हुए कांग्रेस और गांधी परिवार को घेर रहे थे। अपने स्पीच के दौरान अमित शाह ने अंबेडकर का विपक्षी दलों द्वारा बार-बार अनुसरण किए जाने और नाम लिए जाने कहा कि अभी एक फैशन हो गया है - अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।
दरअसल, बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेताओं द्वारा पीएम मोदी के 400 पार नारे पर बयान देते हुए हर जगह यह कहा गया कि बीजेपी 400 सीटें इसलिए लाना चाहती है कि संविधान को नए सिरे से लागू किया जा सके। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के दलों ने इसे मुद्दा बनाते हुए यह आरोप लगाया कि बीजेपी 400 सीटें पाकर देश की सत्ता पर काबिज होने के बाद बाबा साहेब के संविधान को बदलना चाहती है। हालांकि, लोकसभा चुनाव में नुकसान होता देख बीजेपी के थिंक टैंक ने अपने नेताओं पर लगाम लगाना शुरू किया लेकिन उसे इसका नुकसान हो गया। 2014 और 2019 में अकेले अपने दम पर बहुमत पाने वाली बीजेपी, आवश्यक संख्या से काफी पीछे रह गई। तीसरी बार मोदी पीएम बनें लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आंध्र सीएम चंद्रबाबू नायडू के सांसदों के बल पर बहुमत का जादुई आंकड़ा मिल सका। उधर, विपक्षी सांसद जब शपथ लेने पहुंचे तो अधिकतर ने संविधान की किताब हाथ में लेकर शपथ ली थी। इसके बाद से सदन से लेकर सड़क तक लगातार अंबेडकर और संविधान मुद्दा बने हुए हैं।
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