नोट का डिजाइन कैसा होगा, किसकी फोटो छपेगी, क्या बदलाव होंगे, आखिर कौन और कैसे तय करता है?

आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में इस बात का पुरजोर समर्थन किया है कि नोटों पर महात्मा गांधी के साथ ही लक्ष्मी-गणेशजी की तस्वीर भी होनी चाहिए। केजरीवाल ने इसके लिए इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए कहा कि दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले मुस्लिम देश के नोट पर भी गणेशजी की फोटो छपती है।

What is process of designing currency: आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में इस बात का पुरजोर समर्थन किया है कि नोटों पर महात्मा गांधी के साथ ही लक्ष्मी-गणेशजी की तस्वीर भी होनी चाहिए। केजरीवाल का कहना है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को हमारे आराध्या देवताओं का आशीर्वाद मिलेगा। केजरीवाल ने इसके लिए इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए कहा कि दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले मुस्लिम देश के नोट पर भी गणेशजी की फोटो छपती है। बता दें कि भारत में अभी महात्मा गांधी की तस्वीर वाले नोट छपते हैं। आखिर कौन और कैसे तय करता है कि नोट पर किसकी तस्वीर छपेगी? आइए जानते हैं।

कौन तय करता है नोट की डिजाइन?
बता दें कि भारत में नोट छापने का अधिकार सिर्फ रिजर्व बैंक (RBI) के पास है। हालांकि, पहले एक रुपए का नोट वित्त मंत्रालय जारी करता था। लेकिन अब यह बंद हो चुका है। RBI एक्ट 1934 की धारा 25 के तहत नोटों का डिजाइन और उसके लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड से तय होती है, जिसकी मंजूरी भारत सरकार देती है।

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कैसे होता है नोट और सिक्कों का मैनेजमेंट? 
बता दें कि रिजर्व बैंक में मुद्रा प्रबंधन विभाग (Department of Currency Management) नोटों से जुड़े सभी मामलों को देखता है और इसका प्रभारी है। मुद्रा प्रबंधन विभाग नोटों और सिक्कों को जारी करने और अनफिट नोटों को वापस लेने का काम करता है। ये काम रिजर्व बैंक के 18 इश्यू ऑफिस, 4195 करेंसी चेस्ट, 488 रिपॉजिटरी और 3562 स्मॉल कॉइन डिपो के नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है। इस बात की जानकारी खुद रिजर्व बैंक ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट में दी है। 

किसे है नोट के डिजाइन में बदलाव का अधिकार? 
अगर रुपए के नोट के डिजाइन में बदलाव करना है, तो इसका प्रभार रिजर्व बैंक का मुद्रा प्रबंधन विभाग के पास ही है। किसी भी नोट में डिजाइन को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजने से पहले वह इसे रिजर्व बैंक को भेजता है। यह विभाग रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थता का काम करता है। अगर नोट में कोई बदलाव करना है तो RBI एक्ट 1934 की धारा 25 के तहत रिजर्व बैंक का सेंट्रल बोर्ड इसे प्रपोज करता है। बाद में इसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजना होता है। 

भारत में अभी नोटों पर किस तरह के फोटो छपते हैं?
बता दें कि आजादी से पहले नोट पर ब्रिटेन के किंग की फोटो लगती थी। आजादी के बाद रिजर्व बैंक ने भारत सरकार की मंजूरी के बाद अलग-अलग सीरीज के नोट छापे हैं। इनमें अशोक स्तंभ सीरिज, महात्मा गांधी सीरिज, महात्मा गांधी न्यू सीरिज के तहत नोट छापे जाते हैं। बता दें कि भारत में अशोक स्तंभ सीरिज वाले नोट सबसे पहले 1949 में छापे गए थे। 

पहली बार नोट पर कब छपी महात्मा गांधी की फोटो : 
महात्मा गांधी की तस्वीर पहली बार 1987 में 500 रुपए के नोट पर छपी थी। इस नोट पर महात्मा गांधी की फोटो के साथ वाटर मार्क में अशोक स्तंभ भी था। वहीं महात्मा गांधी की फोटो के साथ नए सीरिज के नोट 1996 में छपने शुरू हुए। इसे इस तरह डिजाइन किया गया ताकि दिव्यांग भी इसे आसानी से पहचान सकें। इस सीरिज के सभी नोटों में अशोक स्तंभ की जगह महात्मा गांधी की तस्वीर थी। इस सीरिज के तहत 5, 10, 20, 50, 100, 500 और 1000 रुपए के नोट छापे गए।

2016 में छपे महात्मा गांधी सीरिज के नए नोट : 
2016 में नोटबंदी के बाद महात्मा गांधी सीरिज के नए नोट छापे गए। ये आकार में पहले के नोट की तुलना में छोटे हैं। इस सीरिज के तहत शुरुआत में 500 और 2000 के नोट छापे गए। बाद में 10, 20, 50, 100 और 200 रुपए के नोट भी जारी किए गए। 

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