भारत के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर पाकिस्तान का असली चेहरा एक बार फिर सामने आ गया। इंटरपोल महासभा के दौरान जब पाकिस्तान के अधिकारियों से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और आतंकी हाफिज सईद को लेकर सवाल पूछा गया तो उनकी बोलती बंद हो गई।
Interpol General Assembly: भारत के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर पाकिस्तान का असली चेहरा एक बार फिर सामने आ गया। दरअसल, इंटरपोल महासभा के दौरान जब पाकिस्तान के अधिकारियों से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और आतंकी हाफिज सईद को लेकर सवाल पूछा गया तो उनकी बोलती बंद हो गई। बता दें कि भारत में 25 साल के बाद इंटरपोल की बैठक दिल्ली में आयोजित हो रही है। इसमें 195 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
दाऊद और हाफिज के सवाल पर साधी चुप्पी?
दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रही इंटरपोल की बैठक में जब पाकिस्तान के संघीय जांच एजेंसी (FIA) के महानिदेशक मोहसिन बट से सवाल पूछा गया कि क्या वे अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद को भारत को सौंप देंगे? इस पर उन्होंने चुप्पी साध ली ओर कोई जवाब नहीं दिया।
बिना कोई जवाब दिए खिसक लिए पाकिस्तान के प्रतिनिधि :
FIA महानिदेशक मोहसिन बट ने दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद के ठिकाने पर कोई भी कमेंट करने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान के प्रतिनिधि से जैसे ही भारत के मोस्टवॉन्टेड आतंकी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़ा सवाल पूछा गया तो ये सुनते ही उनके प्रतिनिधि मंडल ने चुप्पी साध ली और बिना कोई जवाब दिए वहां से खिसक लिए। बता दें कि दिल्ली में हो रही इंटरपोल आमसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रईसी और उनके महासचिव जुर्गन स्टॉक भी मौजूद रहे।
तीन दिन तक चलेगी इंटरपोल की बैठक :
बता दें कि इंटरपोल महासभा की बैठक 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलेगी। बैठक में वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक 25 सालों के बाद हो रही है। पिछली बार भारत में यह महासभा 1997 में हुई थी। पिछले 99 साल में इंटरपोल ने 195 देशों में विश्व स्तर पर पुलिस संगठनों को जोड़ने का काम किया है।
क्या है इंटरपोल?
इंटरपोल एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (International Criminal Police Organization) है। इसमें दुनिया के 195 देश शामिल हैं। इसका मुख्यालय फ्रांस के लियोन में है। इंटरपोल की स्थापना 1923 में की गई थी। भारत 1949 में इसका सदस्य बना। इंटरपोल आमतौर पर उन अपराधों पर नकेल कसने का काम करता है, जो अलग-अलग देशों में फैले होते हैं। इंटरपोल के सदस्य देश ही किसी अपराधी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने को कह सकते हैं। भारत में CBI इंटरपोल और अन्य जांच एजेंसियों के बीच नोडल एजेंसी का काम करती है।
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