पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया है। पेरारिवलन राजीव गांधी की हत्या में शामिल 7 साजिशकर्ताओं में से एक है। उसने ही हत्यारों को बम के लिए बैटरी उपलब्ध कराई थी।
Rajiv Gandhi Case: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्याकांड से जुड़े केस में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में पिछले 31 साल से जेल में बंद एजी पेरारिवलन को रिहा कर दिया है। जस्टिस एल नागेश्वर की बेंच ने धारा 142 का हवाला देते हुए पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया। बताया जा रहा है कि जेल में अच्छे बर्ताव के चलते उसे छोड़ा गया है। पेराविलन ने मानवीयता के आधार पर छोड़े जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी लगाई थी।
जानें कौन है पेरारिवलन :
पेरारिवलन राजीव गांधी की हत्या से जुड़े प्रमुख 7 दोषियों में से एक है। तमिलनाडु के जोलारपेट्टई का रहने वाले पेरारिवलन को 1991 में जब राजीव गांधी हत्याकांड में शामिल होने की वजह से गिरफ्तार किया गया, तब वो सिर्फ 19 साल का था। पेरारिवलन का दिमाग पढ़ाई में काफी तेज था।
पेरारिवलन पर ये आरोप :
बता दें कि पेरारिवलन ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की पढ़ाई की है। इसके बाद वो चेन्नई में हायर एजुकेशन के लिए इंस्टिट्यूट तलाश कर रहा था, लेकिन इसी बीच 11 जनू, 1991 को राजीव गांधी हत्याकांड में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि जिस आत्मघाती बम से राजीव गांधी की हत्या की गई थी उसके लिए मुख्य आरोपी शिवरासन को 9 वोल्ट की बैटरी पेरारिवलन ने ही खरीदकर दी थी। बता दें कि 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के पेरम्बुदूर में किए गए एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी।
मौत की सजा उम्रकैद में बदली :
21 मई 1991 को तमिलनाडु के पेरम्बुदूर में हुई एक चुनावी रैली के दौरान आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। इस मामले में पेरारिवलन सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। टाडा कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी पेरारिवलन को सजा-ए-मौत दी थी। इस पर उसने दया याचिका लगाई थी, लेकिन उसमें देरी के चलते पेरारिवलन की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया।
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