काशी विश्वनाथ से मथुरा का कृष्ण मंदिर तक...7 प्राचीन मंदिरों को महमूद गजनवी-औरंगजेब जैसे मुगलों ने तोड़ा

भारत आए मुगल आक्रांताओं ने यहां की सांस्कृतिक विरासत को नष्ट करने के लिए कई मंदिर तोड़े। कहा जाता है कि मुगल आक्रांताओं द्वारा भारत में करीब 40 हजार से ज्यादा मंदिर ध्वस्त किए गए हैं। इनमें से 7 प्रमुख मंदिर हैं, जिनका अस्तित्व आज भी है। 

Asianet News Hindi | Published : May 18, 2022 6:01 AM IST / Updated: May 18 2022, 11:44 AM IST

Gyanvapi: काशी विश्वनाथ स्थित ज्ञानवापी मस्जिद इन दिनों चर्चा में है। मंदिर के बगल में बनी इस मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष हमेशा से दावा करता रहा कि ये बाबा विश्वनाथ का मूल मंदिर है। हाल ही में एक सर्वे के दौरान वहां शिवलिंग मिलने का भी दावा किया गया है। वैसे, बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर को औरंगजेब ने 1669 में तुड़वाया था। इससे पहले भी भारत के कई प्राचीन मंदिरों पर मुगल आक्रांताओं ने हमला कर उन्हें तहस-नहस किया है। जानते हैं ऐसे ही 7 मंदिरों के बारे में 


1- मार्तंड सूर्य मंदिर, अनंतनाग : 
कश्मीर घाटी के अनंतनाग में स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर को मुस्लिम आक्रांत सिकंदर बुतशिकन ने तुड़वाया था। पुरातत्तव विभाग के सर्वे के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण सन 725 से 761 के बीच करकोटा समुदाय के राजा ललितादित्य मुक्तिपाड़ा ने करवाया था। 

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2- द्वारका मंदिर, गुजरात : 
मध्ययुगीन काल में, द्वारका पर सबसे पहले मोहम्मद शाह ने आक्रमण किया था और फिर उसे तोड़ दिया गया। मंदिर को नष्ट होने से बचाने के लिए, पांच ब्राह्मणों ने भी काफी संघर्ष किया, लेकिन आखिर में वो भी मारे गए। उसके बाद, महमूद बेगड़ा ने 1472 ईस्वी में शहर पर हमला किया और लूट लिया और द्वारका के मंदिर को नष्ट कर दिया, जिसे हिंदुओं द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था। 

3- काशी विश्वनाथ मंदिर 
काशी विश्वनाथ मंदिर को 1194 में सबसे पहले मुहम्मद गौरी ने लूटने के बाद तुड़वाया था। बाद में इसे एक गुजराती व्यापारी ने बनवाया लेकिन 1447 में जौनपुर के सुल्तान महमूद शाह ने फिर तुड़वा दिया। बाद में 1585 में टोडरमल ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। फिर 1632 में शाहजहां ने मंदिर तोड़ने के लिए सेना भेजी, लेकिन हिंदुओं के विरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया। फिर 1669 में औरंगजेब ने एक फरमान जारी करते हुए मंदिर को तुड़वाया। औरंगजेब ने ही मंदिर की जगह पर ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई थी। 

4- मथुरा का कृष्ण मंदिर : 
महमूद गजनवी मथुरा पर आक्रमण करने वाले पहला मुगल आक्रांता था। उसने 1017-18 में शहर के मंदिरों को जलाकर मथुरा को लूटा था। बाद में इसे महाराजा विजयपाल देव ने 1150 ईस्वी में बनवाया था।  बाद में औरंगजेब ने 1660 में मथुरा के कृष्ण मंदिर को तुड़वाकर ईदगाह मस्जिद बनवाई। 

5- सोमनाथ मंदिर : 
गुजरात में समुद्र के किनारे स्थित सोमनाथ 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है। इस मंदिर की महिमा गीता और स्कंद पुराण में भी बताई गई है। महमूद गजनवी ने 1024 ईस्वी में सोमनाथ मंदिर पर हमला किया और वहां की संपत्ति को लूट मंदिर को तहस-नहस कर दिया। गजनवी द्वारा मंदिर तोड़े जाने के बाद गुजरात के राजा भीमदेव और मालवा के राजा भोज ने इसका पुनर्निमाण कराया। लेकिन 1297 में अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति नुसरत खान ने मंदिर को दोबारा तुड़वा दिया। बाद में हिंदू राजाओं ने इसे फिर बनवाया। इसके बाद 1395 में सुल्तान मुजफ्फरशाह और 1412 में उसके बेटे अहमद शाह ने भी मंदिर को तोड़ धन-संपदा लूट ली। इसके बाद औरंगजेब ने भी 1665 और 1706 में मंदिर को तोड़ा। 

6- राम जन्मभूमि, अयोध्या : 
1528 में मुगल आक्रांता बाबर के सेनापति मीर बकी ने अयोध्या के राम मंदिर को तोड़कर वहां एक मस्जिद बनवाई, जिसका नाम बाबरी पड़ा। कहा जाता है कि बाबर ने जब ये मंदिर तुड़वाया था तो उस समय 10 हजार से ज्यादा हिंदुओं का कत्लेआम किया था। 

7- हम्पी के मंदिर, कर्नाटक :
भारत के कर्नाटक में स्थित हम्पी में दुनिया का विशालकाय मंदिर था। हालांकि, मुगल आक्रांताओं के आक्रमण के बाद ये खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। कृष्णदेव राय ने 1509 से 1529 के बीच यहां शासन किया था। उनकी मृत्यु के बाद बीदर, बीजापुर और अहमदनगर की मुस्लिम सेनाओं ने 1565 में हम्पी के मंदिरों पर हमला कर दिया। यहां मंदिर तोड़ने के साथ ही सारी संपत्ति भी लूट ली गई। 

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