
Ahmed Tariq Butt Deportation: पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद पाकिस्तान नागरिकों के वीजा रद्द कर देश छोड़ने के सरकारी आदेशों के बीच, Supreme Court ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बंगलुरु (Bengaluru) के Accenture में कार्यरत अहमद तारिक बट (Ahmed Tariq Butt) और उनके परिवार की डिपोर्टेशन (Deportation) पर रोक लगा दी है।
अहमद बट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उनके पास भारतीय पासपोर्ट (Indian Passport) और आधार कार्ड (Aadhaar Card) होने के बावजूद, गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने उन्हें और उनके छह सदस्यीय परिवार को भारत छोड़ने का नोटिस भेजा है।
कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि जब तक अहमद बट और उनके परिवार के दस्तावेजों की जांच पूरी नहीं होती, तब तक उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाए। साथ ही, कोर्ट ने अहमद बट को आगे की राहत के लिए हाई कोर्ट का रुख करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अहमद बट केस में दिया गया आदेश किसी अन्य मामले में मिसाल (Precedent) के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत (Justice Surya Kant) ने अहमद बट से सीधे सवाल किया कि आप भारत कैसे आए? इस पर अहमद बट ने बताया कि वह 1997 में अपने पिता के साथ पाकिस्तान से भारत आए थे। उनके पिता ने श्रीनगर पहुंचते ही पाकिस्तानी पासपोर्ट सरेंडर कर दिया और बाद में भारतीय नागरिकता ली। बट ने बताया कि उनके अन्य परिवारजन भी 2000 में भारत आकर भारतीय नागरिक बने और सभी के पास इंडियन पासपोर्ट और आधार कार्ड हैं।
अहमद बट का कहना है कि गृह मंत्रालय का नोटिस गलत तथ्यों पर आधारित है जिसमें कहा गया कि वह और उनका परिवार वीजा पर आए थे और वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी रुके रहे।
पहलगाम हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द (Pakistan Visa Cancellation) कर दिए हैं, केवल पाकिस्तानी हिंदुओं (Pakistani Hindus) को अपवाद रखा गया है। इसके साथ ही भारत-पाक सीमा बंद कर दी गई, सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) निलंबित कर दी गई और कड़ा राजनयिक जवाब दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सेना को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए फ्री हैंड देने की बात कही है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद (Terrorism) को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।