उड़ीसा में पैदा हुए गुजराती बढ़ई परिवार के इस शख्स का गांधी परिवार से क्या है संबंध, जानें कौन है सैम पित्रोदा?
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की विरासत कर वाले बयान ने देश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी। उन्होंने कुछ दिन पहले ही विरासत कर के पक्ष में बयान दिया था, जिसमें मां-बाप की संपत्ति को बांटने की बात शामिल थी।
sourav kumar | Published : Apr 26, 2024 3:49 AM IST / Updated: Apr 26 2024, 09:20 AM IST
गांधीवादी नीतियों का समर्थन
सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण पित्रोदा है। उनका जन्म उड़ीसा के एक गुजराती बढ़ई परिवार में हुआ था। वो और उनका परिवार शुरू से ही गांधीवादी नीतियों का समर्थन करता रहा है। यही वजह से थी कि उनकी नजदीकियां भी कांग्रेस के साथ बनी रही।
इंदिरा गांधी के कहने पर ही अमेरिका छोड़ा
ऐसा माना जाता है कि पित्रोदा ने साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर ही अमेरिका छोड़कर भारत आ गए थे। इसके लिए उन्होंने अमेरिकी नागरिकता भी छोड़नी पड़ी।
राजीव गांधी के सलाहकार बने
इंदिरा गांधी की साल 1984 में हत्या होने के बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बन गए। उस दौरान सैम पित्रोदा उनके सलाहकार बन गए। इसके बाद साल 1987 में राजीव गांधी ने उन्हें टेलीकॉम, वाटर, शिक्षा, इम्युनाइजेशन, डेरी और ऑयल सीड्स से जुड़े छह टेक्नोलॉजी मिशन का हेड नियुक्त कर दिया।
नेशनल नॉलेज कमीशन का अध्यक्ष बने
सैम पित्रोदा साल 2004 में कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पित्रोदा को नेशनल नॉलेज कमीशन का अध्यक्ष बनने के लिए आमंत्रित किया गया। इसके बाद पित्रोदा 2005 से 2009 तक नेशनल नॉलेज कमीशन के अध्यक्ष रहे।
पित्रोदा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया
2009 में कांग्रेस के लगातार दूसरी बार जीत हासिल करने के बाद अक्टूबर में पित्रोदा को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सलाहकार नियुक्त किया गया। इसके साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया।