देश में 11.9 लाख एक्टिव केस, इनमें से आधे महाराष्ट्र में....शहरीकरण, आबादी और लापरवाही संक्रमण बढ़ने की वजह

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर काफी खतरनाक होती जा रही है। देश में पिछले 24 घंटे में 1,68,912 केस सामने आए हैं। इसी के साथ भारत में एक्टिव केस 12,01,009 हो गए हैं। लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि कुल एक्टिव केस में से आधे अकेले महाराष्ट्र में हैं। राज्य में अभी 5,65,587 लाख लोगों का इलाज चल रहा है। महाराष्ट्र के अलावा छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और केरल एक्टिव केस में सबसे आगे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 12, 2021 5:41 AM IST / Updated: Apr 12 2021, 11:23 AM IST

मुंबई. भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर काफी खतरनाक होती जा रही है। देश में पिछले 24 घंटे में 1,68,912 केस सामने आए हैं। इसी के साथ भारत में एक्टिव केस 12,01,009 हो गए हैं। लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि कुल एक्टिव केस में से आधे अकेले महाराष्ट्र में हैं। राज्य में अभी 5,65,587 लाख लोगों का इलाज चल रहा है। महाराष्ट्र के अलावा छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और केरल एक्टिव केस में सबसे आगे हैं। आईए जानते हैं कि विशेषज्ञ संक्रमण बढ़ने की क्या वजह बता रहे हैं....

- कोरोना प्रोटोकॉल को गंभीरता से ना लेना
भारत में पिछले साल तेजी से कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ था। लेकिन सितंबर 2020 से फरवरी 2021 तक केस लगातार कम होते चले गए। इसके बाद लोग कोरोना के प्रति लापरवाह नजर आने लगे। इतना ही नहीं मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों को लोगों ने गंभीरता से लेना बंद कर दिया। भारत में दोबारा संक्रमण बढ़ने का इसे प्रमुख कारण माना जा रहा है।


यह फोटो महाराष्ट्र की है। लोग कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जबकि सीएम उद्धव यह कह चुके हैं कि लोग अगर नहीं सुधरे तो लॉकडाउन ही अकेला विकल्प है।

- महाराष्ट्र सबसे ज्यादा संक्रमित क्यों?

कोरोना की पहली लहर हो या दूसरी, महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। इसके कई कारण माने जा रहे हैं। पहला कारण है राज्य की आबादी। महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश के बाद आबादी के मामले में दूसरे नंबर पर है। ऐसे में घनी बस्तियों को भी कोरोना फैलने का मुख्य कारण बताया जा रहा है। दरअसल, कोरोना के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग काफी जरूरी है। घनी आबादी में इसका पालन आसान नहीं है। 


मुंबई देश में सबसे ज्यादा घनी आबादी वाला शहर है। यह महाराष्ट्र का सबसे संक्रमित शहर भी है।

लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर आबादी कोरोना फैलने का कारण है तो उत्तर प्रदेश में महाराष्ट्र से कम मामले क्यों?
इस सवाल पर विशेषज्ञों ने डेंगू का उदाहरण देते हुए बताया कि शहरीकरण को डेंगू फैलने का बड़ा कारक माना जाता है। ऐसे में कोरोना के मामले में भी यह सच साबित होती है। अगर अभी तक के मामले देखें तो कोरोना शहरी क्षेत्रों में अधिक प्रभावी है। 

- जहां शहरी क्षेत्र कम, वहां केस भी कम 
महाराष्ट्र में कुल केसों में से आधे चार बड़े शहरों मुंबई, पुणे, थाने और नागपुर से सामने आए हैं। महाराष्ट्र देश में सर्वाधिक शहरीकरण वाला राज्य है। इसके अलावा देश में सबसे ज्यादा केस केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक में देखे गए हैं। इन राज्यों के मुकाबले यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में शहरीकरण कम है। ऐसे में इन राज्यों में कोरोना केस के कम होने की एक वजह इसे भी माना जा रहा है। 
 
- संक्रमण के पीछे कोरोना का 'डबल म्यूटेंट' भी वजह
महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली समेत कई राज्यों में कोरोना का 'डबल म्यूटेंट' सामने आया है। इसके अलावा यहां कोरोना के यूके वैरिएंट, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के वैरिएंट भी मिले हैं। कोरोना के 'डबल म्यूटेंट' से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला राज्य महाराष्ट्र है। 

दरअसल, डबल म्यूटेशन का मतलब होता है व्यक्तिक के एक ही वायरस के दो अलग-अलग प्रकार से संक्रमित हो जाना। वायरस के दो स्ट्रेन जब मिलकर एक नया स्ट्रेन बना लेते हैं तो उसे 'डबल म्यूटेंट' कहा जाता है।

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