कोर्ट केस वायरल: 1 महीना साथ, 15 साल जुदाई, 40 लाख की मांग!

Published : Dec 18, 2024, 01:51 PM IST
Rajasthan High Court

सार

एक महीने साथ रहकर 15 साल दूर रहने वाली पत्नी ने 40 लाख की मांग की! कोर्ट केस वायरल हो गया है, पुरुषों पर अत्याचार पर फिर से बहस छिड़ गई है।  

ज़्यादातर क़ानून, नियम महिलाओं के पक्ष में हैं, महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए क़ानूनों का दुरुपयोग हो रहा है, अपनी रक्षा के लिए बने क़ानून को ही पति के घरवालों के ख़िलाफ़ हथियार बनाया जा रहा है... ये गंभीर आरोप आज या कल के नहीं हैं। कई जगहों पर दहेज उत्पीड़न, महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, दबंगई, प्रताड़ना, पति के घर में महिलाओं की अनकही तकलीफ़ें... इन सबको ध्यान में रखते हुए महिलाओं की इज़्ज़त, जान की रक्षा के लिए सरकारों ने कई क़ानून बनाए हैं, जो अब पतियों के लिए यमराज बन रहे हैं। क़ानून के फंदे में अपनी ग़लती के बिना भी पति और उसके घरवाले फंस रहे हैं।

अब बेंगलुरु के टेक अतुल की मौत के बाद #justiceforAtul ट्रेंड हो रहा है और पुरुषों की आवाज़ ज़ोर से उठ रही है। अतुल को न्याय मिले, इस मांग के बीच पुलिस ने तेज़ी से कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है। मीडिया का ध्यान, लोगों का विरोध और सबसे ज़रूरी अतुल का लिखा लंबा ख़त, वीडियो रिकॉर्डिंग, इन सबकी वजह से ये केस इतना चर्चित हुआ। नहीं तो अतुल की मौत भी कहीं एक-दो जगह ख़बर बनकर रह जाती। आरोपी भी बच निकलते, ज़मानत पर छूट जाते, ये भी झूठ नहीं है। अतुल सिर्फ़ एक मिसाल है। उनकी तरह ही महिला और उसके घरवालों के अत्याचार का शिकार होकर दर्द झेल रहे कई पुरुष हैं। लेकिन उनके केस अतुल के केस की तरह विरोध प्रदर्शन तक नहीं पहुंच पाते, इसलिए अब भी न्याय की लड़ाई जारी है।

उसी तरह, अब एक और कोर्ट केस वायरल हो रहा है। अब कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण देखे जा सकते हैं, इसलिए इस केस का वीडियो भी वायरल हो गया है। ये कहाँ का वीडियो है, ये साफ़ नहीं है। लेकिन एक इंजीनियर ने अपना दर्द बयां किया है और उनके वकील की दलीलों से इस केस को आसानी से समझा जा सकता है।

इस केस में, पत्नी सिर्फ़ एक महीने पति के साथ रही। उसके बाद पति को छोड़कर चली गई, 15 साल हो गए। तब से मुआवज़े के लिए लड़ाई चल रही है। 15 लाख रुपये देने को पति तैयार है। लेकिन पत्नी की मांग 40 लाख रुपये की है। किसी तरह पति 30 लाख रुपये देने को तैयार हुआ, तब भी वो मानने को तैयार नहीं है। 40 लाख ही चाहिए, यही उसकी मांग है। मैं 15 लाख दे सकता हूँ। इससे ज़्यादा देने के लिए मुझे कर्ज़ लेना पड़ेगा, ये पति ने न्यायाधीश के सामने अपना दर्द बयां किया। फिर भी मैं 30 लाख देने को तैयार हो गया। लेकिन उसके घरवाले मानने को तैयार नहीं हैं। वो सिर्फ़ एक महीने मेरे साथ रही, मैं इतने पैसे नहीं दे सकता, उसने कहा। आख़िर में न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के वकीलों को बैठकर समझौता करने को कहा। इस पर तरह-तरह के कमेंट्स आ रहे हैं। मैं न्यायाधीश होता तो एक पैसा भी मुआवज़ा नहीं देता, कुछ लोगों ने लिखा है, तो कुछ ने अतुल केस का ज़िक्र करते हुए न्यायाधीशों द्वारा रिश्वत मांगने पर बहस छेड़ दी है। कुल मिलाकर मुआवज़ा महिलाओं के लिए व्यवसाय बन गया है, कई लोग कह रहे हैं! 

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