एक अक्टूबर के आसपास एक चक्रवाती परिसंचरण(cyclonic circulation) उत्तर-पूर्व और उससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में उभरने की उम्मीद है। इस बीच मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में 3 अक्टूबर से 7 अक्टूबर के बीच बारिश होने का अनुमान है।
मौसम डेस्क. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि राजस्थान पर एक एंटीसाइक्लोन(anticyclone) की वजह से उत्तर पश्चिम भारत के कुछ और हिस्सों और मध्य भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी के लिए स्थितियां अब अनुकूल हैं। पाकिस्तान के मध्य भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। एक अक्टूबर के आसपास एक चक्रवाती परिसंचरण(cyclonic circulation) उत्तर-पूर्व और उससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में उभरने की उम्मीद है। इस बीच मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में 3 अक्टूबर से 7 अक्टूबर के बीच बारिश होने का अनुमान है। (तस्वीर-पिछले दिनों दिल्ली की बारिश)
आजकल में इन राज्यों में बारिश के आसार
मौसम विभाग ने कहा है कि आजकल में तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, झारखंड के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़, बिहार, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। उत्तराखंड, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, केरल और लक्षद्वीप में हल्की बारिश संभव है।
बीते दिन इन राज्यों में हुई बारिश
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, बीते दिन दक्षिण-पश्चिम झारखंड और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हुई। असम, मेघालय, गंगीय पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, आंध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हुई। गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, शेष उत्तर पूर्व भारत, तमिलनाडु, मध्य महाराष्ट्र और लक्षद्वीप और हरियाणा में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश हुई।
दिल्ली में बादल छाए रहने की संभावना
मौसम विभाग ने दिल्ली में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है। इससे पहले बुधवार को न्यूनतम तापमान 23.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। मौसम कार्यालय ने कहा कि अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है। गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता (relative humidity) 87 फीसदी दर्ज की गई। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह करीब 9:15 बजे मध्यम (122) श्रेणी में दर्ज किया गया। बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 और 100 संतोषजनक, 101 और 200 मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब और 401 और 500 गंभीर माना जाता है।
दिल्ली में टेम्परेचर का हाल
दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो साल के इस समय के लिए सामान्य है। न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि अगले तीन से चार दिनों तक अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून अगले दो से तीन दिनों में पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों के कुछ और हिस्सों से पीछे हट जाएगा। इसके बाद, यह 1-2 अक्टूबर तक दिल्ली-एनसीआर से हट जाएगा। आईएमडी ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की रेखा वर्तमान में राजस्थान में खाजूवाला, बीकानेर, जोधपुर और गुजरात के नलिया से होकर गुजरती है। हालांकि, पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तेज होकर कम दबाव के क्षेत्र में बदल सकता है, जो उत्तर-पश्चिम दिशा में मध्य प्रदेश तक जाएगा। पलावत ने कहा कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में 3 अक्टूबर से 7 अक्टूबर के बीच बारिश होने का अनुमान है।
दिल्ली में 21 सितंबर से 24 सितंबर तक एक चक्रवाती परिसंचरण( cyclonic circulation) और एक लो प्रेशर सिस्टम के बीच इंटरेक्शन के कारण लगातार बारिश हुई, जिसने पिछले डेढ़ महीने में भारी बारिश की कमी को पूरा करने में मदद की। राजधानी में सितंबर में अब तक सामान्य 121.3 मिमी के मुकाबले 164.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। सितंबर में शहर में औसतन 125.1 मिमी बारिश होती है। पिछले सप्ताह हुई लगातार बारिश ने भी मानसून के मौसम में कुल कमी को कम कर दिया। मानसून के मौसम में दिल्ली का कुल वर्षा घाटा 25 सितंबर की सुबह 35 प्रतिशत (22 सितंबर तक) से गिरकर 17 प्रतिशत हो गया।