शर्मनाक : कोरोना से मौत के बाद घर नहीं लाने दिया शव, 7 घंटे तक बाहर रखा, ऐसे हुआ अंतिम संस्कार

कोरोना महामारी के बीच पश्चिम बंगाल के हावड़ा से एक चौंकाने वाली खबर आई है। 54 साल की एक महिला की कोरोना से मौत हुई। जब आस-पास के लोगों को पता चला तो उन्होंने शव को उसके घर ही नहीं ले जाने दिया। 7 घंटे तक शव को ले जाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी।

नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच पश्चिम बंगाल के हावड़ा से एक चौंकाने वाली खबर आई है। 54 साल की एक महिला की कोरोना से मौत हुई। जब आस-पास के लोगों को पता चला तो उन्होंने शव को उसके घर ही नहीं ले जाने दिया। 7 घंटे तक शव को ले जाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी।

कंटेनमेंट जोन में है घर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला का घर जिस इलाके में है वो कंटेनमेंट जोन में आता है। 3 दिन पहले ही महिला ने अपना चेकअप सत्यबाला आईडी अस्पताल से करवाया। सोमवार को टेस्ट रिपोर्ट आई, जिसमें पता चला कि वह कोरोना संक्रमित है। 

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हॉस्पिटल ले जाते हुए मौत
घर पर महिला की हालत काफी खराब हो गई। परिवार के लोग बेलूर स्टेट जनरल हॉस्पिटल ले गए। जहां रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया। जब परिवार महिला का शव लेकर वापस अपने अपार्टमेंट में आया तो लोगों ने अंदर आने से मना कर दिया। 

सालों से उस अपार्टमेंट में रह रही थी
मृतक महिला का नाम पार्बती साउ था। वह हाउसवाइफ थी। बिजनेसमैन से शादी हुई थी। वह सालों से उस अपार्टमेंट में रह रही थी। बेटे ने बताया, गुरुवार को मां को बुखार और खांसी के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। फिर डॉक्टर के पास गए तो उन्होंने दवा दी। और घर भेज दिया। 

7 घंटे इंतजार के बाद अंतिम संस्कार
हावड़ा म्युनिसिपल कारपोरेशन को खबर दी गई। लेकिन 6 घंटे तक महिला का शव लेकर अपार्टमेंट में भी इंतजार करते रहे। फिर 7 घंटे बाद हावड़ा म्युनिसिपल कारपोरेशन के लोग आए और शव ले गए। तब जाकर अंतिम संस्कार हुआ।
 

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